दिल्ली में पैदल चलने के लिए जल्‍द मिलने वाली है यह सुविधा, जाने क्या इसमें खास

देर आए, दुरुस्त आए की तर्ज पर चलते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने पैदल यात्रियों की भी सुध ले ली है। जल्द ही इन्हें पैदल चलने के लिए फुटपाथ भी नसीब होगा और निर्बाध आवागमन की सुविधा भी मिलेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 14 सितंबर तक वॉकेबिलिटी प्लान तैयार हो जाएगा और प्लान स्वीकृत होने के बाद छह माह के भीतर इस पर क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा। इसमें सभी विभागों को हिस्सेदार बनाया जाएगा और एक निगरानी समिति परियोजना के क्रियान्वयन पर निगाह भी रखेगी।

जारी की गई अधिसूचना

दिल्ली में पैदल चलने को बढ़ावा देने और पैदल मार्ग की बाधाएं दूर करने के लिए वॉकेबिलिटी योजना के विनियमों की गजट अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक फुटपाथ से अतिक्रमण हटाना, वेंडिंग जोन की पहचान, हरियाली को बढ़ावा, पैदल चलने योग्य पथ व सड़क पर फर्नीचर और स्पष्ट संकेत चिह्नें को लगाने का काम किया जाएगा।

पैदल चलने वालों की तादाद काफी

दिल्ली में पैदल चलने के लिए फुटपाथ भले न बचे हों, लेकिन पैदल यात्रियों की संख्या काफी है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 58 फीसद लोग शैक्षिक कार्यो से पैदल चलते हैं, जबकि 31 फीसद व्यावसायिक कार्यो से। 77 फीसद लोग ऐसे हैं, जो आर्थिक कारणों से अपना काफी सफर पैदल ही तय करते हैं। मेट्रो यात्रियों में भी 50 फीसद मेट्रो स्टेशन से अपने गंतव्य तक पैदल ही जाते हैं। इनमें 50 से 60 फीसद लोग चार किलोमीटर जबकि 40 से 50 फीसद लोग छह किलोमीटर तक का सफर पैदल चलकर पूरा करते हैं।

विशेषज्ञ फर्मो से मांगा गया प्लान

योजना को क्रियान्वित करने के लिए डीडीए ने यूं तो आइटीओ जंक्शन, दिल्ली विश्वविद्यालय उत्तरी एवं दक्षिणी परिसर, उत्तर नगर क्रॉसिंग, चांदनी चौक, सभी अंतरराज्जीय बस अड्डों, हौज खास, आइआइटी, भीकाजी कामा प्लेस, नेहरू प्लेस, करोल बाग, साकेत, मालवीय नगर, कमला नगर, लाजपत नगर, लक्ष्मी नगर, सेक्टर 21 द्वारका, आइएनए और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे करीब दो दर्जन से अधिक स्थलों की सूची तैयार की गई है। लेकिन, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन, आइटीओ जंक्शन और आइएनए मार्केट को लिया गया है। इन तीन जगहों के लिए विशेषज्ञ फर्मो से विस्तृत प्लान मांगा गया है। प्लान देने की अंतिम तारीख 14 सितंबर रखी गई है।

छह माह में शुरू हो जाएगा काम

प्लान को मंजूरी मिलने के बाद सभी स्तरों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर उक्त तीनों ही जगह काम शुरू कर दिया जाएगा। प्लान के तहत उक्त तीनों जगह 400 से 500 मीटर तक के दायरे को पैदल चलने वालों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इन सभी जगह राहगीरों का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा। फुटपाथ पर अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाएगा। क्योस्क हैं तो उन्हें इस तरह दोबारा स्थापित किया जाएगा कि वे ट्रैक के रास्ते में न आएं। वहां हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा व बैठने के लिए बेंच बनाए जाएंगे। संकेतक और दिशा सूचक बोर्ड, बेंच, पीने के पानी के साथ ही अन्य जनसुविधाएं मिलेंगी।

सभी एजेंसियों को पूरी करनी होगी जिम्मेदारी

डीडीए की बोर्ड बैठक में उपराज्यपाल द्वारा पहले ही स्वीकृत किए जा चुके इस प्लान के क्रियान्वयन में तीनों नगर निगमों, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट, परिवहन विभाग, डीएमआरसी, पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों की भूमिका रहेगी। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गो की सुविधा के लिए प्लान स्कूल-कालेजों और अस्पतालों के आसपास भी क्रियान्वित किया जाएगा।

डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर  वॉकेबिलिटी प्लान यूटीपैक द्वारा तैयार स्ट्रीट डिजाइन गाइडलाइंस पर आधारित है। यह दिल्ली में पैदल चलने वालों को न केवल प्राथमिकता बल्कि हर संभव सहूलियत भी देगा। इसके क्रियान्वयन में कोई कोताही न हो, इसके लिए सभी भागीदार विभागों और जनता के प्रतिनिधियों वाली एक निगरानी समिति इस पर निगाह रखेगी।

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