दिल्ली: बस अड्डे बनेंगे हाईटेक, यात्रियों को जारी होंगे स्मार्ट कार्ड

मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्व सरकार की बदइंतजामी के कारण 60 हजार करोड़ के घाटे में चल रही डीटीसी को हर हाल में उबारकर उसे बेहतरीन परिवहन सेवा में बदला जाएगा। इसके लिए छोटी और बड़ी बसों की संख्या तो बढ़ाई ही जा रही है, साथ ही इनके रूट भी इस तरह से बनाए जा रहे हैं ताकि लोगों की पहुंच उन तक आसानी से हो जाए।
60 हजार करोड़ के घाटे में चल रही दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की दशा ठीक करने के लिए दिल्ली सरकार कई योजनाओं पर काम शुरू कर रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने परिवहन विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक की।
इसमें यात्रियों को स्मार्ट कार्ड जारी करने, डीटीसी की बसों के रूट नए तरह से निर्धारित करने, दिल्ली के अंतरराज्यीय बस अड्डों को अति आधुनिक बनाने और बस क्यू शेल्टर (बस स्टैंड) को यात्रियों के लिए सुविधाजनक और हाईटेक बनाने समेत कई विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह, चीफ सेक्रेटरी धमेंद्र, परिवहन आयुक्त निहारिका राय समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्व सरकार की बदइंतजामी के कारण 60 हजार करोड़ के घाटे में चल रही डीटीसी को हर हाल में उबारकर उसे बेहतरीन परिवहन सेवा में बदला जाएगा। इसके लिए छोटी और बड़ी बसों की संख्या तो बढ़ाई ही जा रही है, साथ ही इनके रूट भी इस तरह से बनाए जा रहे हैं ताकि लोगों की पहुंच उन तक आसानी से हो जाए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दिल्ली की सभी परिवहन सेवाओं जैसे डीटीसी, मेट्रो, आआरटीएस के लिए एक ही स्मार्ट कार्ड लाने जा रहे हैं। इसमें दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के लिए पिंक कार्ड भी शामिल है जिसके आधार पर वे डीटीसी में फ्री सफर कर सकेंगी।
आईआईटी दिल्ली की मदद से निर्धारित किए जाएंगे बसों के नए रूट
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली में डीटीसी के अधीन 660 छोटी इलेक्ट्रिक बसें और 1800 बड़ी इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। ईवी बेड़े में कुल 4800 बसें हैं। इसके अलावा सीएनजी 1800 बसें हैं। ई-बसों के आने से डीटीसी की पहुंच तो बढ़ी है, लेकिन इनके रूट पुराने हैं, जिससे यह बसें पूरी दिल्ली के यात्रियों को कवर नही कर पा रही है।
आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर बसों का नया रूट बनाया गया है। यह रूट दिल्ली के छोटे इलाकों को कवर करने के साथ ही मेट्रो से भी यात्रियों को जोड़ेगा। प्रयोग के तौर पर यमुनापार में यह सिस्टम लागू किया जा रहा है। उसके बाद दिल्लीभर में लागू कर दिया जाएगा।
सौर ऊर्जा से संचालित होंगे बस क्यू शेल्टर
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार दिल्ली के सभी बस क्यू शेल्टरों को सुविधाजनक और हाईटेक बनाया जाएगा ताकि समय पर बस रूट की जानकारी और उनके आने का समय भी पता चल सके। दिल्ली में 4627 बस स्टैंड हैं। इनमें से 2021 प्रयोग में लाए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग ने देश के अलावा कुछ देशों के बस क्यू शेल्टर का अध्ययन किया है और दिल्ली के इलाकों के हिसाब से कुछ शेल्टरों का चयन किया है। यह सभी शेल्टर पीपीपी आधार पर बनाए जाएंगे और इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि वे सौर ऊर्जा से संचालित हों। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने दिल्ली के अंतरराज्यीय बस अड्डों को अति आधुनिक बनाने का निर्णय लिया है। इनमें कश्मीरी गेट, सराय काले खां, आनंद विहार शामिल हैं। यह बस अड्डे हवाई अड्डों जैसे नजर आएंगे।
तेजी से चल रहा रूट रेशनलाइजेशन का काम
परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग को रेवेन्यू सरप्लस वाली मजबूत संस्था बनाना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता है। परिवहन विभाग सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए रूट रेशनलाइजेशन पर तेजी से काम कर रही है। नए बस क्यू शेल्टर के निर्माण के समय रूट रेशनलाइजेशन को विशेष तौर पर ध्यान में रखते हुए ही नए बस स्टॉप का निर्माण कराया जाएगा।