दिल्ली की लोक अदालतों में निपटाए गए 1.40 लाख मामले

हाईकोर्ट परिसर सहित पटियाला हाउस, तीज हजारी, साकेत, कड़कड़डूमा, रोहिणी, द्वारका और राउज एवेन्यू कोर्ट में बनाए गए विशेष बेंचों के सामने वादियों और प्रतिवादियों की उपस्थिति रही।
राजधानी में शनिवार को साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह लोक अदालत हाईकोर्ट और सातों जिला अदालत परिसर में एक साथ आयोजित की गई, जिसमें हजारों लंबित व पूर्व-लंबित मामलों का निपटारा हुआ।
दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में हुई लोक अदालत में विशेष रूप से दीवानी, पारिवारिक, मोटर दुर्घटना दावों, चेक बाउंस, बैंक ऋण वसूली, श्रम विवाद, बिजली-पानी के बिल जैसे विभिन्न प्रकार के विवादों पर सुनवाई की गई।
हाईकोर्ट परिसर सहित पटियाला हाउस, तीज हजारी, साकेत, कड़कड़डूमा, रोहिणी, द्वारका और राउज एवेन्यू कोर्ट में बनाए गए विशेष बेंचों के सामने वादियों और प्रतिवादियों की उपस्थिति रही।
शनिवार को दिल्ली में कुल 1 लाख 40 हजार 165 मामले समझौते के साथ निपटाए गए। इनमें निपटान राशि 1217.60 करोड़ रुपये रही। इसमें 206.79 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ जिला अदालतों का योगदान 1,38,884 मामले निपटाने में रहा।
पूरी दिल्ली में 1 लाख 08 हजार 778 ट्रैफिक चालानों का निपटारा भी इस लोक अदालत में किया गया, जिसमें जुर्माना राशि के तौर पर 1.83 करोड़ रुपये की वसूली की गई। ऋण वसूली न्यायाधिकरण में लोक अदालत पीठों का भी गठन किया गया, जहां 1001.18 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 72 मामलों का निपटारा किया गया।
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2014 से लंबित एक सबसे पुराना मामला, मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से जुड़ा मामला कड़कड़डूमा में सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया। यही नहीं, लोक अदालत बेंच का गठन दिल्ली उच्च न्यायालय, नई दिल्ली में भी किया गया था, जहां 18 मामलों का निपटान लगभग 1.31 रुपये करोड़ राशि में किया गया।
जिला उपभोक्ता फोरम में भी लोक अदालत पीठों का गठन किया गया, जहां 156 मामलों का निपटारा रुपये 3.67 करोड़ रुपये की निपटान राशि पर किया गया। वहीं, स्थायी लोक अदालत में बिजली मामले के लिए लोक अदालत बेंच का भी गठन किया गया, जहां 1035 मामलों का निपटारा 4.63 करोड़ रुपये की समझौता राशि पर किया गया।