दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग से परेशान लोग कर रहे पहाड़ों का रुख

राजधानी दिल्ली समेत मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण और धुंध (स्मॉग) से परेशान लोग पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है।

हिमाचल प्रदेश में सप्ताह के सामान्य दिनों में 35 हजार से 50 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। सप्ताहांत के दौरान यह संख्या 70 हजार तक पहुंच सकती है। सर्दी की छुट्टियां और क्रिसमस समीप आने को भी इसका कारण माना जा रहा है।

उत्तराखंड में नैनीताल पहुंच रहे पर्यटक

उत्तराखंड में नैनीताल व मसूरी समेत अन्य पर्यटन स्थलों धनोल्टी, औली, चकराता, रानीखेत, कौसानी, मुक्तेश्वर, नौकुचियाताल आदि में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वीकेंड में यह संख्या बढने का अनुमान है। लोगों ने होटल, रिजार्ट व होम स्टे में बुकिंग करा ली है।

हिमाचल में शिमला, मनाली, धर्मशाला, चंबा सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। परवाणू होकर शिमला आ रहे वाहनों की संख्या हर दिन 4,500 तक पहुंच रही है। सप्ताहांत में यह बढ़कर 5,500 तक पहुंच रही है।

शिमला के होटलों में ऑक्यूपेंसी 20 से 30 प्रतिशत

एक सप्ताह पहले करीब 3,000 पर्यटक वाहन शिमला पहुंच रहे थे। शिमला के होटलों में आक्यूपेंसी 20 से 30 प्रतिशत है। प्रमुख पर्यटन स्थल कुल्लू-मनाली में गुरुवार को मनाली में 1800 पर्यटक वाहन पहुंचे। कुल्लू जिले में एक दिसंबर से अब तक 14,940 ऐसे वाहन पहुंच चुके हैं।

मनाली में आक्यूपेंसी 45 से 50 प्रतिशत तक है। धर्मशाला व मैक्लोडगंज के होटलों में तीन दिन से आक्यूपेंसी 20 से 30 प्रतिशत के बीच है। कसौली में आक्यूपेंसी 40 प्रतिशत तक रही।

होटलों में बुकिंग पर मिल रही छूट

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के साथ निजी होटलों और होम स्टे में बुकिंग में वृद्धि होने लगी है। पर्यटन विकास निगम के साथ निजी होटलों में कमरा बुक करने पर 20 से 40 प्रतिशत छूट मिल रही है। यह आफर 20 दिसंबर तक रहेगा। 21 दिसंबर से पांच जनवरी तक क्रिसमस व नववर्ष के कारण यह सुविधा नहीं मिलेगी।

सूखे से वायु गुणवत्ता प्रभावित, बद्दी में बहुत खराब

प्रदेश में करीब तीन माह के सूखे और नमी की मात्रा में कमी का प्रभाव कुछ स्थानों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) पर देखा जा रहा है। यह पहली बार है जब दिसंबर में चार दिन प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब रही और 302 से 342 दर्ज की गई। शिमला में पांच दिन एक्यूआइ 20 से 50 के बीच रहा, जबकि शेष दिन 50 के पार रहा।

बीते वर्षों के दौरान शिमला में अधिकतर दिन में यह 50 से कम रहा। शिमला के अलावा, मनाली, धर्मशाला, सुंदरनगर, डमटाल में एक्यूआइ का स्तर बीते वर्ष से बेहतर है। प्रदेश में अक्टूबर की शुरुआत में वर्षा हुई थी। उसके बाद से नवंबर और दिसंबर में वर्षा ही नहीं हुई है। दिसंबर में भी अब तक ऐसी ही स्थिति है।

दून की हवा बेहद खराब

मैदानी जिलों में घना कोहरा है तो पहाड़ी इलाकों में पाला व कड़ाके की ठंड ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देहरादून में बढ़ता वायु प्रदूषण हालात को और गंभीर बना रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।

घने कोहरे के कारण सुबह और देर रात के समय दृश्यता कम रहने की संभावना है। दून में हवा की गुणवत्ता भी बदतर बनी हुई है। एक्यूआइ लगातार 300 के करीब बना हुआ है। गुरुवार को भी दून 280 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को यह 322 रिकार्ड किया गया था। बीते एक हफ्ते से दून और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है।

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