दिल्ली को जहरीली हवा से नहीं मिली राहत, विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम


दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल अब भी 500 के पार है। धुंध के दौरान शुक्रवार को दिल्ली के मंदिर मार्ग पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 515, पंजाबी बाग में 802, आनंद विहार 571 और द्वारका में 420 दर्ज की गई। वहीं गुरुग्राम के विकास सदन में पीएम लेवल 391, फरीदाबाद के सेक्टर 16ए में 384 दर्ज की गई। ये वायु गुणवत्ता सूचकांक की खतरनाक श्रेणी हैं।
वहीं दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। साथ ही दिल्ली सरकार सोमवार से गाड़ियों को लेकर ऑड-इवेन का फॉर्मूला एक बार फिर शुरू करने जा रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने वह ग्राफ सार्वजनिक किया है जिसके मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर ने सुबह करीब सात बजे तक 48 घंटे लगातार गंभीर प्रदूषित हवा का मानक पूरा कर लिया। सीपीसीबी ने कहा कि हवा में प्रदूषणकारी तत्वों का स्तर कई कारणों से बढ़ रहा है और प्रतिकूल मौसम की वजह से स्मॉग के बादल छंट नहीं रहे हैं। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब दिल्ली में नवंबर महीने में ही हवा का आपातकाल घोषित किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 486 दर्ज किया गया। वहीं फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गांव का एक्यूआई आपात श्रेणी में दर्ज किया गया।
सीपीसीबी के सचिव सदस्य सुधाकर ने बताया कि दिल्ली में अभी भी उत्तर-पश्चिमी हवा का दबाव बना हुआ है जिसके साथ ही धुएं भरी हवा भी आ रही है। यहां कम से कम अगले 24 घंटे तक आपात स्थिति बनी रहेगी। शनिवार की दोपहर से हालात में कुछ सुधार की उम्मीद है। लेकिन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक अगले दो दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता की हालत और खराब हो जाएगी।