दादरी में भी हुआ था 29 साल पहले विमान हादसा, 349 में से 298 की मिली थी बॉडी

अहमदाबाद हादसे के बाद हरियाणा में हुए विमान हादसा याद कर लोग सिहर उठे। दादरी में करीब 29 साल पहले 12 नवंबर 1996 को दो विमान हवा में टकराने से हुए हादसों में सभी 349 यात्रियों व विमान स्टाफ सदस्यों की मौत हो गई थी। दिल्ली से लौट रही सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट 763 (बोइंग 747) और यहां आ रही कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट 1907 (इल्युशिन II-76) चरखी दादरी के टिकाण गांव के ऊपर टकरा गई थी। दोनों प्लेन में क्रू मेंबर्स सहित 349 लोग सवार थे। इन सभी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी।
नहीं मिली थी 51 लोगों की बॉडी
हादसे के बाद अस्पताल में केवल 298 डेडबॉडी लाई गई थीं, जिनमें से सरकार ने मरने वाले 118 लोगों की पहचान होने पर उनके परिजनों को बुलाकर शव सौंप दिए। जबकि 51 लोगों की बॉडी तक नहीं मिली थी। उस दौरान शवों का अंतिम क्रियाक्रम चरखी दादरी की सदियों पुराने कब्रिस्तान में एक साथ जमीन में जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफनाये गये थे। मृतकों की अंतिम क्रिया में सभी धर्मों के गुरु शामिल हुए थे और सभी 349 मृतकों का रिकॉर्ड बनाकर तीन स्थानों पर शवों का दफनाया गया था।
बता दें कि चरखी दादरी के चिड़िया मोड़ स्थित आजादी से पहले के कब्रिस्तान में सरकार की ओर से 29 साल पहले हुए विमान हादसे का बोर्ड लगाया गया है। जिस पर पूरे हादसे की जानकारी दी है और दोनों विमानों में कितने और कहां के यात्री व विमान स्टाफ के सदस्य थे, पूरी जानकारी दी है। वहीं मृतकों का रिकार्ड भी बोर्ड पर दर्शाया गया है। मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के प्रधान एवं सेना से रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शरीफ ने बताया कि सऊदी अरब व कजाकिस्तान के विमान हवा में टकराने के कारण 349 की मौत हो गई थी। घटनास्थल का दृश्य भयानक और दर्दनाक था। बुरी तरह जलीं लाशें और यात्रियों के शरीर के कटे फटे अंग बिखरे पड़े थे। मो. शरीफ ने बताया कि सभी मृतकों में से 298 डेडबॉडी को कब्रिस्तान में लाया गया जिनमें 118 मृत लोगों की पहचान हुई थी। जबकि 51 लोगों के शरीर पूरी तरह जल चुके थे। सभी मृतकों को तीन स्थानों पर जमीन में गड्ढा खोदकर सभी धर्मों के धर्मगुरु को बुलाकर अंतिम क्रियाक्रम के तहत दफनाया गया था।
मृतकों में सबसे ज्यादा भारत के रहने वाले थे
हादसे में मरने वाले 349 लोगों में ज्यादातर भारत के रहने वाले थे। चरखी दादरी के कब्रिस्तान में इस हादसे का बोर्ड लगाया गया, जिसमें मृतकों की राष्ट्रीयता के आधार पर संख्या अंकित की गई। इसमें भारत के 231, सऊदी के 18, नेपाल के 9, पाकिस्तान के 3, अमेरिका के 2, ब्रिटेन और बांग्लादेश के रहने वालों की संख्या 1-1 दर्ज की गई है। इसके अलावा भारतीय मृतकों में यूपी के सबसे ज्यादा थे, जिनकी संख्या 80 थी। इसके बाद बिहार के 48, राजस्थान के 46, दिल्ली के 15, केरल के 13, जम्मू और कश्मीर के 9, पंजाब के 7, आन्ध्र प्रदेश के 3, महाराष्ट्र-3, हरियाणा, असम और मध्य प्रदेश के 2-2 लोग शामिल थे।
अब भी आते हैं विदेश से लोग, 12 नवंबर को करेंगे कार्यक्रम
रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शरीफ ने बताया कि मरने वालों में अधिकतर भारतीय थे। इसके अलावा दूसरे देशों से भी लोग सवार थे, जिनके परिजन बीच-बीच में कब्रिस्तान आते रहते हैं। बीते साल अमेरिका से एक महिला भी यहां आई थी, जिसकी दोस्त की इस हादसे में मौत हो गई थी। 12 नवंबर को हादसे की बरसी पर कार्यक्रम करने का विचार है। सरकार की अनुमति लेकर वे कार्यक्रम करेंगे और कब्रिस्तान की सुध लेने की मांग भी रखेंगे।