तो इसलिए MRI मशीन में 20 साल पहले करवाया गया था सेक्स, वजह जानकर आपको नहीं होगा यकीन

आपको शायद इस बात पर विश्वास ना हो लेकिन वैज्ञानिकों की एक टीम ने हकीकत में मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग यानी MRI स्कैनर मशीन के अंदर एक कपल से सेक्स करने के लिए कहा था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया था ताकि वे यह पता लगा सकें कि ‘सहवास यानी सेक्स के दौरान पुरुष और महिला के जननांगों की तस्वीरें लेना संभव है या नहीं?’

BMJ के सबसे अधिक डाउनलोड किए गए लेखों में से एक

20 साल पहले ऐसा हुआ था और अब ‘सहवास और महिला यौन उत्तेजना के दौरान पुरुष और महिला जननांगों के मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग’ शीर्षक का लेख मेडिकल जर्नल BMJ के सबसे अधिक डाउनलोड किए गए लेखों में से एक बन गया है। इस लेख में जिस बात का पता चला है शायद ही वह चांद पर इंसान के कदम रखने जितनी अहम हो, लेकिन इस रिसर्च के पेपर्स पॉपुलर हो गए हैं। शायद यह इसलिए क्योंकि मुफ्त में स्क्रीन पर सहवास यानी सेक्स देखना लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र है। फिर चाहे देखने में सब ब्लैक ऐंड वाइट जैसा क्यों ना प्रतीत हो।

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सेक्स और महिला यौन उत्तेजना के बारे में जानना था मकसद
डच वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किए गए इस प्रकार के प्रयोगों में से एक का उद्देश्य यह पता लगाना था कि सेक्स और महिला यौन उत्तेजना के दौरान शरीर रचना के बारे में पूर्व और वर्तमान विचार मान्यताओं पर आधारित हैं या तथ्यों पर। मुख्य निष्कर्ष 13 प्रयोगों पर आधारित थे जिसमें से 8 दंपति और 3 एकल महिलाओं के साथ किए गए। इस दौरान यह बात सामने आयी कि ‘मिशनरी पोजिशन’ में सेक्स के दौरान पुरुष यौन अंग एक बूमरैंग के आकार का प्रतीत होता है। इसमें यह भी पाया गया कि यौन उत्तेजना के दौरान गर्भाशय का आकर बढ़ता नहीं है।

1999 में पहली बार BMJ में स्टडी हुई थी प्रकाशित

इस स्टडी को यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ग्रॉनिनजेन और वीयू ऐमस्टरडैम यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने मिलकर किया था। 20 साल पहले क्रिसमस के मौके पर साल 1999 में इस डच स्टडी को पहली बार ब्रिटिश मेडिकल जर्नल BMJ में प्रकाशित किया गया था। उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था यह पब्लिकेशन क्लिनकली या साइंटिफिकली यूजफुल हो सकता है। लेकिन यह BMJ के सबसे ज्यादा डाउनलोडेड आर्टिकल्स में से एक बन गया और 130 दूसरे साइंटिफिक पेपर्स में भी इस्तेमाल किया गया। साल 2019 में अक्टूबर में इसे 50 बार एक्सेस किया गया।

 

 

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