तेजस्वी यादव और तेज प्रताप साथ बैठेंगे! बिहार विधानसभा में सीटें हैं आसपास

लगभग दो महीने से दूरियां हैं, क्योंकि पिता लालू प्रसाद ने तेज प्रताप यादव को पार्टी के साथ परिवार से भी बाहर कर दिया। लेकिन, तेज प्रताप यादव अब भी विधायक हैं। तेजस्वी तो हैं ही। दोनों आए तो देखना रोचक होगा कि साथ बैठते हैं या भागते हैं?
समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से तेज प्रताप यादव अब भी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं। आज बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और यहां बैठने की व्यवस्था के हिसाब से विपक्ष के नेता और छोटे भाई तेजस्वी यादव के बगल में ही तेज प्रताप यादव की सीट है।
24 मई को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव के गर्लफ्रेंड प्रकरण को देखते हुए उन्हें पार्टी और परिवार से बाहर करने का आदेश दिया था। परिवार से वह कई मौकों पर दूर नजर भी आए। पार्टी के कार्यक्रमों से भी। लेकिन, विधायकी छीनने का राजद की ओर से प्रयास नहीं होने के कारण तेज प्रताप यादव मानसून सत्र में आएं तो बैठने की व्यवस्था के हिसाब से तेजस्वी यादव के बगल में ही बैठेंगे।
दोनों विधानसभा में रहें, यह भी कम दिखता है
सदन के बाहर तेजस्वी यादव राज्य की नीतीश कुमार सरकार को भले रोज घेर रहे हैं, लेकिन अंदर उनकी मौजूदगी कार्यवाही के दौरान ही पता चलेगी। कई बार वह सत्र के ज्यादातर दिनों तक गायब भी रह चुके हैं। तेज प्रताप यादव के साथ भी यह बात दिखती है। दोनों भाई एक साथ सदन में विशेष अवसरों पर ही रहे हैं। एक तरह से आज से उसी तरह का विशेष अवसर शुरू हो रहा है।
विपक्ष लगातार बिहार मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण और अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार पर हमलावर है। तेज प्रताप यादव भी छोटे भाई तेजस्वी यादव से अलग होकर भी सत्ता को इसपर घेर रहे हैं। इसके अलावा, 24 मई को लालू के आदेश के बाद यह पहला अवसर है, जब दोनों चाहते या नहीं चाहते हुए भी एक जगह बैठने की व्यवस्था रहेगी।
तेज प्रताप यादव की सोच समझ से बाहर
तेज प्रताप यादव को जब पार्टी-परिवार से बाहर निकाला गया तो उन्होंने कुछ दिनों तक चुप्पी साधे रखी। तब सिर्फ इतना कहा कि किसी ने साजिश के तहत यह तस्वीरें शेयर की हैं। चार-पांच लोगों को अपने खिलाफ साजिश में खड़ा बताया। फिर, कुछ समय बीतने के बाद खुद ही आकर स्वीकार किया कि यह उनकी गर्लफ्रेंड ही है। फिर तेज प्रताप ने एक दिन प्रेस कांफ्रेंस रखा और घंटों इंतजार के बाद खुद ही सामने नहीं आए। एक तरफ ‘सूत्र’ को छोटे भाई तेजस्वी यादव ‘मूत्र’ कह रहे थे, दूसरी तरफ वैसे ही सूत्रों के जरिए तेज प्रताप ने मीडिया में नई पार्टी की तैयारी की बात फैलाई थी।
पार्टी बनाने को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की खबर चलने लगी, लेकिन वह खुद गायब हो गए। अब उन्होंने पार्टी का तो एलान नहीं किया, लेकिन ‘Team Tej Pratap Yadav’ के नाम से पेज जरूर शुरू कर दिया है। इसमें पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी की तस्वीर भी लगाई है। तेज प्रताप को पिछली बार वैशाली की महुआ सीट से चुनाव लड़ने नहीं मिला था, लेकिन इस बार वह हसनपुर विधायक रहते हुए भी इस महीने महुआ में जाकर तैयारी दिखा चुके हैं। मतलब, कुल मिलाकर तेज प्रताप यादव की सोच राजद की समझ से भी बाहर है।