तुलसी की माला चढ़ाने से क्यों खुश होते हैं हनुमान जी?

ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को भोग के रूप में तुलसी दल अर्पित करने व तुलसी की माला चढ़ाने से साधक को हनुमान जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को आखिर तुलसी क्यों चढ़ती है। इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह मिलती है, जिसके बारे में आप इस पौराणिक कथा से जान सकते हैं। चलिए जानते हैं वह कथा।

मिलती है यह कथा
रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने के बाद एक बार माता सीता, हनुमान जी को भोजन करवा रही थीं। सीता जी ने उनके लिए तरह-तरह के पकवान बनाएं। हनुमान जी ने जैसे ही खाना खाना शुरू किया, तो वह खाते ही चले गए। कई पकवान खाने के बाद भी उनका पेट नहीं भरा। धीरे-धीरे सारा भोजन खत्म होने लगा, लेकिन हनुमान जी और भोजन की मांग करने लगे। यह देखकर माना सीता चिंता में पड़ गईं और उन्होंने जाकर सारी बात प्रभु श्रीराम को बताई।

राम जी ने दिया ये सुझाव
तब रामजी ने माता सीता को यह सुझाव दिया कि वह हनुमान जी के खाने में एक तुलसी का पत्ता मिला दें। राम जी के कहने पर माता सीता ने ऐसा ही किया और हनुमान जी के भोजन में तुलसी का पत्ता डाल दिया। इससे हनुमान जी की भूख शांत हो गई। तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

इसलिए भी चढ़ती है तुलसी
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को तुलसी दल अति प्रिय है, ऐसे में उनकी सभी अवतारों को भी तुलसी का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। हनुमान जी भगवान विष्णु के 7वें अवतार यानी प्रभु श्रीराम के परम भक्त हैं, जिन्हें तुलसी दल विशेष रूप से अर्पित किया जाता है। इसलिए तुलसी अर्पित करने से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं।

इस तरह चढ़ाएं तुलसी
हनुमान जी को तुलसी चढ़ाने के लिए एक विशेष विधि का वर्णन किया गया है, जिससे आप पवनपुत्र हनुमान जी के कृपा के पात्र बन सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले 108 तुलसी के पत्ते लें और इनपर चंदन से राम नाम लिखकर माला तैयार करें।

अब इस माला को हनुमान जी की पूजा में अर्पित करें। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही आप हनुमान जी को 1, 11, 21 या 51 तुलसी के पत्तों पर चंदन से राम जी का नाम जरूर अर्पित कर सकते हैं। इससे भी आपको हनुमान जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।

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