तीन देशों की यात्रा पर जाएंगे विदेश राज्यमंत्री मार्गेरिटा, द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा

विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा 4 से 10 नवंबर तक लैटिन अमेरिकी देशों इक्वाडोर, बोलिविया और क्यूबा की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे व्यापार, तकनीक, पर्यटन और विकास सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विदेश राज्य मंत्री और वस्त्र मंत्रालय के मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा 4 से 10 नवंबर तक लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र के तीन देशों (इक्वाडोर, बोलिविया और क्यूबा) की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस दौरे की जानकारी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में दी। मंत्रालय के अनुसार, अपनी इस यात्रा के दौरान मंत्री मार्गेरिटा इन देशों के राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति, व्यापार, तकनीक, पर्यटन, विकास सहयोग और क्षमता निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वे भारतीय समुदाय और व्यवसायिक प्रतिनिधियों से भी संवाद करेंगे।

बोलिविया में होने वाले राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

इक्वाडोर में वे क्विटो में भारत के नए मिशन की स्थापना की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। बोलिविया में, 8 नवंबर को ला पाज़ में होने वाले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं, क्यूबा में उनका कार्यक्रम स्वास्थ्य, चिकित्सा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित रहेगा। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह दौरा भारत और इन देशों के बीच दक्षिण-दक्षिण सहयोग और विकास की दिशा में आपसी प्रतिबद्धता को और मजबूती देगा।

भारत और इक्वाडोर के बीच 1969 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। फिलहाल बोगोटा (कोलंबिया) स्थित भारतीय दूतावास इक्वाडोर के लिए मान्यता प्राप्त है। दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की विदेश कार्यालय परामर्श बैठकें हो चुकी हैं।

भारत और बोलिविया के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगपूर्ण संबंध हैं, जो व्यापार और निवेश के क्षेत्र में आगे बढ़ने की संभावना रखते हैं। वहीं, भारत और क्यूबा के संबंध ऐतिहासिक रूप से गरमजोशी और मित्रता पर आधारित रहे हैं। भारत ने 1959 की क्यूबा क्रांति के बाद नई सरकार को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में स्थान बनाया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री मार्गेरिटा की यह यात्रा भारत और लैटिन अमेरिका के देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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