तनुश्री दत्ता को नही है धर्म पर यकीन

तनुश्री दत्ता ने  खास कार्यक्रम मुंबई मंथन में मीटू मूवमेंट पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने एंकर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए और इस बारे में अपने विचार रखे. कार्यक्रम के दौरान जब तनुश्री से पूछा गया कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाई जा रही है जिसमें कहा जा रहा है कि उन्होंने अमेरिका जाकर धर्मांतरण कर लिया था, अब वह इन आरोपों के जरिए भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं.

इस सवाल के जवाब में तनुश्री ने कहा, “मैंने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया क्योंकि मैं धर्म के कॉन्सेप्ट में ही यकीन नहीं रखती. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारे धर्म हमें दिए गए थे ताकि हम हमारे भीतर वर्तमान में मौजूद चीजों से निजात पा सकें जिन्हें हम नजरअंदाज कर जाते हैं. तनुश्री ने कहा कि वह कोई नास्तिक नहीं हैं. वह भगवान में यकीन करती हैं लेकिन उन्होंने खुद को समीति नहीं किया है.”

तनुश्री ने कहा कि उन्होंने तमाम धर्मों को जिया और महसूस किया है. उन्होंने योग किया है, साधना की है, शिव साधना की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने बुद्धिज्म और क्रिश्चिएनिटी को भी महसूस किया है. उन्होंने क्रिश्चयन बाइबल पढ़ी है. उन्होंने कहा कि क्या इंसानियत का धर्म काफी नहीं है जो आपको अपने आप को किसी धर्म की छत्रछाया में रखने की जरूरत पड़ती है.

तनुश्री ने कहा कि वह इन सब चीजों को काफी वक्त पहले पीछे छोड़ चुकी हैं. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में वापस लौटने को लेकर अब उनके भीतर अब कोई उत्साह नहीं बचा है. तनुश्री दत्ता ने बताया कि उन्हें अब पीछे देख कर पछतावा होता है कि उन्होंने ऐसे लोगों के साथ काम भी कैसे किया.

तनुश्री ने फिर कहा, “10 साल पहले अपने सबसे अच्छे दौर में मैंने बोलने की हिम्मत दिखाई थी. मेरा उत्पीड़न हुआ. मैंने सभी दरवाजे खटखटाए. लेकिन तब किसी ने मेरी मदद नहीं की. मैंने शिकायत भी की थी. पर कुछ भी नहीं हुआ. मैंने इसका खामियाजा भी भुगता.”

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