डेमोक्रेटिक राज्यों को ट्रंप ने फिर दी फौज भेजने की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाल्टीमोर में नेशनल गार्ड भेजने की चेतावनी दी, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई। मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने ट्रंप को करारा जवाब देते हुए कहा कि ट्रंप जमीनी सच्चाई से दूर हैं और जनता नहीं, सिर्फ राजनीति पर ध्यान दे रहे हैं। विपक्ष ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शासित राज्यों पर निशाना साध रहे है। इसी क्रम में एक बार फिर ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शासित राज्यों और शहरों में फौज भेजने की धमकी दी है। इस बार उन्होंने मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर को निशाना बनाया, जिन्होंने ट्रंप को बाल्टीमोर आकर सार्वजनिक सुरक्षा पर बातचीत का न्योता दिया था। इसको लेकर ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बाल्टीमोर में भी वैसे ही सैनिक तैनात कर देंगे जैसे उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में किए हैं।
उन्होंने मूर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर वेस मूर को मदद चाहिए, जैसे गेविन न्यूसम को एलए में थी, तो मैं सैनिक भेज दूंगा और अपराध खत्म कर दूंगा। हालांकि ट्रंप के इस टिप्पणी पर मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्रंप के बयान को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने ट्रंप को इसलिए बुलाया ताकि वह जमीनी हकीकत देख सकें, लेकिन ट्रंप तथ्यों से आंखें मूंदे हुए हैं। मूर ने CBS के शो ‘फेस द नेशन’ में कहा कि राष्ट्रपति का ध्यान मुझ पर है, लेकिन मेरा ध्यान उन लोगों पर है जिनकी मैं सेवा करता हूं।
अन्य डेमोक्रेट नेता भी विरोध में
ट्रंप द्वारा लगातार डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शासित राज्यों में फौज भेजने की धमकी को लेकर अब अमेरिका भर में सियासत तेज हो गई है। ऐसे में ट्रंप के इस बयान पर डेमोक्रेटिक नेताओं की प्रतिक्रिया भी खुब सामने आ रही है। मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर के बाद इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर ने भी ट्रंप के बयान पर पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि शिकागो में किसी आपात स्थिति की जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह फौज का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही न्यूयॉर्क और शिकागो में भी फौज भेजने की ट्रंप की योजना को डेमोक्रेट नेताओं ने सख्ती से खारिज किया है। बता दें कि शिकागो को लेकर बाते इसलिए भी सामने आ रही है क्योंकि पेंटागन के सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों ट्रंप अपने अगले मिशन के तहत शिकागो में नेशनल गार्ड तैनात करने की योजना पर चर्चा कर रहे हैं।
नस्लवाद का भी आरोप
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अल शार्प्टन ने भी वॉशिंगटन के हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ट्रंप यह कदम नस्लीय भेदभाव से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यह अपराध से नहीं, बल्कि रंगभेद और नस्लीय प्रोफाइलिंग से जुड़ा मामला है। ट्रंप ने किसी गोरे मेयर वाले शहर को निशाना नहीं बनाया।