डिप्रैशन बन रहा है औरतों में हाई बी पी और शुगर जैसी बीमारियों का कारण

महिलाओं में पुरुषों की तुलना में डिप्रैशन की समस्या विकसित होने की संभावना दोगुनी होती जा रही है। हाल ही में अमेरिका में हुए शोध से बात सामने आई है कि, हर साल लगभग 15 मिलियन महिलाएं डिप्रैशन को अनुभव करती हैं। इंसान सिर्फ डिप्रैशन का शिकार ही नहीं होता बल्कि इसके कारण शुगर, हाई बीपी और कोलेस्ट्रोल जैसी बीमारियां भी शरीर को घेर लेती है। तो चलिए आज डिप्रैशन से की बीमारी से पीड़ित महिलाओं के बारे में कुछ विचार करते हैं।

डिप्रैशन होता क्या है?

डिप्रैशन एक गंभीर और व्यापक मनोदशा विकार है। यह उदासी, निराशा, लाचारी, और बेकार की भावनाओं का कारण बनता है। जो लोग दूसरों से ज्यादा अपेक्षाएं रखते हैं, ज्यादातर उन्हें यह बीमारी होती है। कई बार कामकाज करने वाली औरतों में यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि बिजी लाइफस्टाइल के चलते नींद पूरी नहीं हो पाती,अपने घर और बच्चों के लिए समय नहीं निकल पाता, इन सब कारणों से औरतें चिड़चिड़ी और गुस्से वाली रहना शुरु हो जाती है।

जिन कारण वह कई और शुगर तथा हाई बीपी जैसी बीमारियों को बुलावा दे लेती है। जरुरी नहीं कि यह प्रॉब्लम वर्किंग वुमेन को ही होती हैं, कई बार घरेलु औरतें भी इसका शिकार हो जाती है। जहां जरुरत से अधिक स्ट्रैस इंसान को बीमार बना देता है, वहीं ज्यादा फ्री रहना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है।

औरतों में डिप्रैशन के कारण

औरतों में डिप्रैशन के कई कारण हो सकते हैं। खासतौर पर जब किसी औरत को अकेले अपने बच्चों का पालन-पोषण करना पड़ता है, तो ज्यादातर औरतें उदासीनता के शिकार हो जाती हैं। इसके साथ कई बार कई औरतें बचपन में यौन-शोषण का शिकार हुई होती है, लेकिन डर के कारण वह इस बात को सबके सामने नहीं बता सकी।

मनोवैज्ञानिक की माने तो ज्यादातर औरते सामाजिक तनाव, जैसे नौकरी का नुकसान, अगर लड़की किसी संबंध में हैं तो उस रिलेशनशिप को संभालने का तनाव जैसे अनेकों कारण हैं जिस वजह से एक औरत बहुत कुछ सहन करती है, लेकिन चाहते हुए भी वह खुलकर अपनी भावनाओं को ब्यान नहीं कर पाती और डिप्रैशन का शिकार बन जाती है।

डिप्रैशन के लक्ष्ण

हर एक इंसान को डिप्रैशन के अलग-अलग लक्षण फील होते हैं। जैसे कि कई लोग बिना मतलब के गुस्सा करते रहते हैं, किसे के मजाक का बहुत जल्द बुरा मान जाते हैं। कई लोगों में तो आत्महत्या तक की सोज जन्म ले लेती है। उन्हें इस तरह फील होता है जैसे कि इस दुनिया में उनसे कोई प्यार नहीं करता।

कई औरतों की याद्दाशत कम होने लग जाती है। शरीर में कमजोरी,ऊर्जा में कमी, थकान,बहुत अधिक या बहुत कम सोना,ग्लानि, मूल्यहीनता, बेबसी, निराशा, निराशावाद की भावनाएँ का जन्म लेना ही डिप्रैशन होने की निशानी है।

हाई बीपी और शुगर

तनाव पर आपकी प्रतिक्रिया आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकती है।जब आप एक तनावपूर्ण स्थिति में होते हैं, तो आपका शरीर हार्मोन का उत्पादन करता है। ये हार्मोन अस्थायी रूप से आपके रक्तचाप को बढ़ाते हैं जिससे आपका दिल तेजी से धड़कता है और आपकी रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, और आप हाई बीपी की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं।

साथ ही शुगर की बीमारी के लगने का डर भी सबसे ज्यादा होता है। अगर कोई औरत पहले से ही इस बीमारी से पीड़ित है तो खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं, क्योंकि शुगर पेशेंट का शुगर लेवल कब कम हो जाए या बढ़ जाए इसका बात का कोई पता नहीं रहता।

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