डिप्रेशन के शिकार लोगो के लिए ट्रैवलिंग है बेहतरीन ऑप्शन, मिलेगा सूकून
आजकल के लाइफस्टाइल व भाग दौड़ की जिंदगी में डिप्रेशन एक आम समस्या बन गई है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में डिप्रेशन से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। भारत की लगभग 6.5 फीसदी लोग डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसलिए ट्रैवलिंग डिप्रेशन से छुटकारा पाने का बेहतर जरिया है। इसलिए जब भी आप तनाव में हों या डिप्रेशन के लक्षण दिख रहें हो तो किसी बेहतरीन डेस्टिनेशन पर जरूर घूमने जाएं। आइए आपको बताते हैं कि ट्रैवलिंग डिप्रेशन से मुक्ति दिलाने के लिए किस तरह बेहतर जरिया है।
नेचर से मिलने का अवसर
स्टडी से पता चला है कि इंसान के डिप्रेशन और नेचर का सीधा संबंध है। ऐसा कहा जाता है कि इंसानी दिमाग और मन को प्रकृति से शांति मिलती है। जैसे ही आप प्रकृति के नजदीक जाते हैं डिप्रेशन अपने आप ही दूर होने लगता है। इसलिए जब भी डिप्रेशन के लक्षण दिखें तो तुरंत नेचर के पास पहुंचे।
ट्रैवलिंग के दौरान ज्यादा घूमें
जब आप डिप्रेशन में हों तो हर रोज से कुछ नया करें। छुट्टियों पर घूमने जाएं और वहां ट्रेकिंग जैसी शारीरिक मेहनत करें। शारीरिक मेहनत करने एंडोर्फिन हार्मोन निकलते हैं जिसका सीधा असर डिप्रेशन से है। इसलिए घूमने निकलिए और क्लाइबिंग से राफ्टिंग सब करिए ताकि आप डिप्रेशन से दूर रहें।
एक बार आप किसी ट्रिप पर निकलते हैं तो आप अपने इलाके से निकलते हैं और उस जगह पर पहुंचते हैं जहां आपके लिए सबकुछ नया है। इससे आपके मन में उस जगह को एक्सप्लोर करने की इच्छा जगती है। उस जगह के बारे में, वहां के निवासियों के बारे में, खाने के बारे में ऐसी सारी चीजें आपको जानने को मिलती है। किसी बीच पर बैठकर सूरज को अस्त होते देखने का अपना अलग ही मजा है।
डिप्रेशन के दौरान रात में कभी नींद नहीं आती है। ट्रैवल करने से आप अपनी डेली रूटीन से दूर होकर कुछ नया करते हैं। ट्रैवलिंग के दौरान आप ज्यादा घूमते हैं। इससे आप थकते हैं और आपको अच्छी नींद आती है। सोने के लिए दवा का सेवन नहीं करना पड़ेगा।