डायबिटीज मरीजों की 86% सटीक होगी डिवाइस रिपोर्ट; एम्स पटना में ट्रायल… दिल्ली में तैयारी

डायबिटीज मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब वह बिना सुई चुभोए अपनी सांस से जान सकेंगे उनके शरीर में शुगर का स्तर क्या है। इसके लिए जो डिवाइस तैयार की गई है उसकी जांच की सटीकता 86 फीसदी है। इस संबंध में आईआईटी दिल्ली के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब आईएचएफसी की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में अलग-अलग स्टार्टअप कंपनी ने हिस्सा लिया। जिसमें उन्होंने खुद से तैयार उपकरणों(डिवाइस) प्रदर्शित किए।

सांस से ब्लड शुगर जांच का डिवाइस तैयार करने वाले अच्युत अग्रवाल ने बताया कि सांसों का विश्लेषण करके शुगर के स्तर का आंकलन कर सकते है। ऐसे तत्व हमारी सांस में मौजूद होते है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर लगे है जो सांसों में मौजूद एसीटोन, सीओ2 जैसे वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड को पहचानते है। फिर एल्गोरिद्म की मदद से शुगर का आंकलन किया जाता है। एम्स पटना में 1800 मरीजों पर इसका ट्रायल किया जा चुका है। शुगर जांच के परिणाम में 86 फीसदी सटीकता देखने को मिली। अब एम्स दिल्ली और आईसीएमआर के साथ मिलकर फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल करने की तैयारी है।

पांच हजार की डिवाइस, 20 हजार बार होगी जांच
इस डिवाइस से शुगर जांच के लिए आपको इसमें फूंक मारनी होगी। फिर पांच सेकेंड में डिवाइस की स्क्रीन पर शुगर का स्तर पता चल जाएगा। इस डिवाइस की लागत करीब पांच हजार रुपये के आसपास होगी। इससे आप 20 हजार जांच कर सकेंगे। डिवाइस को तैयार करने के लिए कई सारे रिसर्च पेपर पढ़े थे उसके बाद डिवाइस को तैयार किया।

अभी यूएस में इस तरह के डिवाइस से शुगर जांच की व्यवस्था है। एक-दो साल में अपने देश में भी ऐसा डिवाइस उपलब्ध हो जाएगा। डिवाइस को पेटेंट करा लिया गया है। पोर्टेबल और बैटरी से संचालित होने वाला यह डिवाइस है।

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