ट्रंप और पीएम मोदी के बीच इन बिंदुओं पर हो सकती है चर्चा

डॉनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते ही ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ का नारा दिया। बतौर राष्ट्रपति अपने पहले संबोधन भाषण में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका प्रशासन अमेरिकी नौकरियों में स्थानीय लोगों को तवज्जो देगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में उन्हें मुबारकबाद दी और कहा कि वो उनके साथ मिलकर दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। लेकिन क्या सच में डोनल्ड ट्रंप के दौर में भारत और अमरीका के रिश्ते सही मायने में नई ऊंचाई को छू पाएंगे?
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप फोन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे। वाइट हाउस ने मंगलवार के लिए तय किए गए ट्रंप के शेड्यूल को जारी करते हुए यह जानकारी दी।कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के बीच इन बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है।
ट्रंप ने भाषण में कहीं थी ये 10 बड़ी बातें
1. शपथ ग्रहण के तुरंत बाद दिए भाषण में ट्रंप ने कहा, ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन।’ मतलब साफ है कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों पर स्थानीय लोगों की भर्ती के लिए दबाव बनाएगा। साथ ही, वहां अमेरिकी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स की खरीदारी को बढ़ावा मिलने जा रहा है। इससे एच-1 बी वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले लाखों भारतीयों को गहरा झटका लग सकता है।
2. दुनिया से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे। इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के मंच से अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से पाकिस्तान सदमे में है।
3. एचवन-बी वीजा सिस्टम में पूरी तरह बदलाव किया जाएगा। यह वीजा अमेरिका में अस्थाई रूप से काम करने के लिए दिया जाता है। इसका ज़्यादातर इस्तेमाल भारत की प्रौद्योगिकी कंपनियां करती हैं।
4. ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी ऐसी है जिसमें ‘पहले सिर्फ अमेरिका’होता है और वह सभी व्यापार समझौते को नए सिरे से लागू करना चाहते हैं, भारत के साथ भी वह यही करने के पक्षधर है।
5. ट्रंप एच1बी वीजा प्रोग्राम के खिलाफ हैं और इसे बंद करना चाहते हैं। ट्रंप जीत दर्ज करने पर भारतीय आईटी स्टॉक और आईटी कंपनियों को इसका नुकसान हो सकता है।
6. एक तरफ ट्रंप भारत की तारीफ करते हैं तो दूसरी ओर आरोप लगाते रहे हैं कि भारत और चीन अमेरिका की नौकरियां छीन रहे हैं और वह इन्हें वापस लाएंगे। अमेरिका की नौकरी वापस लाने का मतलब है कि वह प्रवासियों के लिए मुश्किल कानून लाने वाले हैं। काम करने के मामले में अमेरिका भारतीयों की पहली पसंद है।
7. आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप का रुख काफी मुखर रहा है। खासकर पाकिस्तान को लेकर वह ज्यादा ही कड़ा रुख रखते हैं भारत के लिहाज से यह मुफीद हो सकता है। वह पहले भी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का सहयोग करने की बात कह चुके हैं।
8 चाहे कोई ब्लैक हो या वाइट हो, हमें ये सोचना चाहिए कि हम सभी अमेरिकी हैं और सभी का खून लाल रंग का ही है.
9. चीन के बढ़ते वर्चस्व पर भी ट्रंप चिंता जता चुके हैं। वो मानते हैं कि चीन का एकदम इतनी तेजी से बढ़ना दुनिया के लिए खतरनाक है इसलिए इस पर अंकुश लगाया जाएगा। भारत के लिए यह बात भी राहत वाली हो सकती है क्योंकि चीन को रोकने के लिए अमेरिका भारत को अपना प्रमुख सहयोगी बना सकता है।
10. वर्तमान राष्ट्रपति ओबामा की तरह ही ट्रंप भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अच्छे रिश्तों के पक्षधर हैं। ट्रंप खुद कई बार प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं। यहां तक की मोदी की तर्ज पर ही उन्होंने अपना नाराज अबकी बार ट्रंप सरकार दिया था।