टाटा पावर बिजली कंपनी पर मनमानी कार्रवाई करने का आरोप

अजमेर शहर के अंदरकोट क्षेत्र निवासी अब्दुल लईक ने टाटा पावर बिजली कंपनी पर अवैध कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, अजमेर नगर पश्चिम के समक्ष मामला दर्ज कराया। परिवादी का कहना था कि कंपनी ने बिजली चोरी के नाम पर बिना किसी ठोस आधार के कार्रवाई की, जो पूरी तरह मनमानी है।
फूल बावड़ी की रोशनी पर हुआ विवाद
वाद में बताया गया कि फूल बावड़ी, जो दरगाह ख्वाजा साहब परिसर के पास स्थित है, वहां आने वाले फूलों को ठंडा रखने की व्यवस्था की जाती है। इस बावड़ी में जो विद्युत रोशनी है, वह नगर निगम द्वारा वर्षों पहले स्थापित लाइन से संचालित होती है। इसके बावजूद टाटा पावर की टीम ने इस कनेक्शन को अवैध बताते हुए अब्दुल लईक पर बिजली चोरी का आरोप लगा दिया।
अदालत ने टाटा पावर की अर्जी को खारिज किया
सुनवाई के दौरान टाटा पावर की ओर से अधिवक्ता ने आईपीसी की धारा 7/11 के तहत अर्जी पेश की, लेकिन न्यायालय ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस स्तर पर ऐसी अर्जी का कोई औचित्य नहीं बनता और मामले की प्रकृति को देखते हुए यह उचित समय नहीं है। इस फैसले के साथ परिवादी को अस्थायी राहत मिली।
परिवादी ने अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगाए
अब्दुल लईक ने आरोप लगाया कि टाटा पावर के कुछ अधिकारी और कर्मचारी क्षेत्र में मनमाने ढंग से कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय उपभोक्ताओं को डराकर और दबाव बनाकर उनसे धन वसूला जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
स्थानीय निवासियों ने ली राहत की सांस
अदालत के इस आदेश को लेकर अंदरकोट क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली है। लोगों का कहना है कि टाटा पावर की मनमानी कार्रवाई से उपभोक्ता लंबे समय से परेशान हैं और यह फैसला उनके लिए न्याय की दिशा में सकारात्मक कदम है।