टमाटर ने बिगाड़ा किचन का स्वाद, 15 दिन में 112% तक महंगा

देशभर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया है। पिछले 15 दिनों में कीमतें 112% तक बढ़ गई हैं, कुछ शहरों में तो दोगुनी हो गई हैं। कई शहरों में यह 80 रुपए किलो तक बिकने लगा है। सवाल यह है कि आखिर टमाटर की कीमतें अचानक क्यों बढ़ीं?
Tomato Price Hike: देशभर में एक बार फिर लाल टमाटर के दाम किचन का स्वाद बिगाड़ने लगे हैं। देशभर के शहरों में पिछले 15 दिन में टमाटर की कीमतें 50% तक बढ़ गई हैं। कई शहरों में तो इसकी कीमतें दोगुनी तक तक हो गई हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है- अक्टूबर में हुई तेज बारिश, जिससे कई राज्यों में फसलें खराब हो गईं और बाजार में सप्लाई घट गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में 25% से 100% तक की बढ़ोतरी (Tomato Price Hike) दर्ज की गई है। उपभोक्ता मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 19 नवंबर को टमाटर का ऑल इंडिया एवरेज रेट 46 रुपए प्रति किलो रहा, जो एक महीने पहले 36 रुपए प्रति किलोग्राम था। यानी औसत कीमतों में 27% की बढ़ोतरी हो चुकी है।
आंकड़ों की मानें तो सबसे ज्यादा झटका चंडीगढ़ को लगा, जहां टमाटर 112% महंगा हो गया। वहीं आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी दाम 40% से ज्यादा बढ़े हैं।
कई शहरों में 80 रुपए में बिक रहा
कई शहरों में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर की कीमतें 60 से 80 प्रति किलो (Tomato Price Today) तक पहुंच गई हैं। व्यापारी बताते हैं कि आने वाले दिनों में भी राहत मिलना मुश्किल है। शादी का सीजन और न्यू ईयर सेलिब्रेशन की वजह से मांग बढ़ी हुई है, जबकि सप्लाई पहले ही कम है। दिल्ली की आजादपुर मंडी के टमाटर व्यापारी संघ के चेयरमैन अशोक कोशिक ने बताया कि,
“कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले ट्रकों की संख्या पिछले एक हफ्ते में आधी रह गई है। कई राज्यों में जोरदार बारिश से फसल को भारी नुकसान हुआ है।”
दाम गिरने से कम हुई थी महंगाई
थोक बाजारों में भी दाम तेजी से चढ़े हैं। महाराष्ट्र, जो टमाटर की बड़ी सप्लाई देता है, वहां नवंबर में थोक कीमतें 45% बढ़ीं। वहीं दिल्ली में थोक कीमतों में 26% का इजाफा दर्ज हुआ। दिलचस्प बात यह है कि सितंबर-अक्टूबर में टमाटर, प्याज और आलू के दाम गिरने से रिटेल महंगाई 0.25%, यानी 2013 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी। अक्टूबर में टमाटर की महंगाई -42.9% थी, यानी दाम कम थे। लेकिन नवंबर में हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
फिलहाल, बारिश से खराब फसल और त्योहार-मैरिज सीजन की मांग मिलकर टमाटर को और महंगा बना रहे हैं। आने वाले सप्ताह में भी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं दिख रही है।





