ज्यादा अमाउंट के लिए बढ़ा सकते हैं अपनी होम लोन एलिजिबिलिटी, ये तरीके आएंगे काम

होम लोन लेते वक्त इंसान के मन में कई सवाल रहते हैं, मसलन लोन लिया जाए तो किस बैंक से लिया जाए, सबसे सस्ता लोन कैसे लिया जाए, इसके अलावा कितने रुपए का होम लोन लेना है। लोग जब होम लोन लेते हैं तो उसकी कुल कीमत का एक हिस्सा तुरंत चुका देते हैं, बाकी जो रकम बचती है वो होम लोन कहलाती है और फिर उस पर ब्याज देना होता है। फर्ज कीजिए घर खरीदने के लिए आपने 40 लाख का लोन लिया है और 8 लाख रुपए का डाउनपेमेंट कर दिया तो बाकी बचे 32 लाख रुपए का आपने बैंक से होम लोन ले लिया।

ऐसा भी नहीं है कि जितनी पैसे की जरूरत हो उतना होम लोन मिल जाए। लोन मिलने के कुछ नियम होते हैं। यह ग्राहक के क्रेडिट स्कोर और उसके द्वारा दी जा रही सिक्यॉरिटी पर निर्भर करता है कि उसे कितना लोन मिलेगा। हम इस खबर में बता रहे हैं कि आप कैसे अपनी लोन एलिजिबिलिटी बढ़ा सकते हैं।

बैंक का चुनाव

सबसे पहले देखिए कि कौन सा बैंक कितने तक का होम लोन दे रहा है और उसपर ब्याज कितना वसूल रहा है, इसकी तुलना कर लीजिए। बैंकों की अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं।

पार्टनर के साथ ले सकते हैं लोन

कई बार ऐसा होता है कि ग्राहक को जितनी रकम की जरूरत होती है उतनी रकम बैंक नहीं देता है, तो ऐसे में आप लोन में किसी को पार्टनर बना सकते हैं। आप अपनी पत्नी या घर के किसी भी कमाने वाले सदस्य के साथ मिलकर होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह आपकी एलिजिबिलिटी बढ़ा सकता है।

क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखें

लोन के लिए सबसे जरूरी शर्त है क्रेडिट स्कोर, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको ज्यादा रकम की लोन मिलने में आसानी होती है और यह तय होता है बैंकिंग हिस्ट्री से। बैंकिंग हिस्ट्री से इस बात का पता चलता है कि कितने पैसे कमाते हैं, कितने खर्च करते हैं, अपने बिल और EMI समय पर चुकाते हैं या नहीं और क्या पहले कभी आपकी लोन ऐप्लिकेशन रिजेक्ट हो चुकी है। इन चीज़ों पर आपका क्रेडिट स्कोर निर्भर करता है।

डाउनपेमेंट ज़्यादा पे करें

हमेशा कोशिश कीजिए कि डाउनपेमेंट ज़्यादा से ज़्यादा अदा करें, ताकि आपका LTV (लोन टू वैल्यू) रेशियो कम से कम रहे। जितना ज्यादा डाउनपेमेंट करेंगे उतने ही कम रकम पर आपको ब्याज देना होगा।

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