जैसलमेर : प्राकृतिक गैस का नया स्रोत शुरू

राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित विशाल रेगिस्तानी क्षेत्र में देश की ऊर्जा जरूरतों को नया आधार देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने यहां के बाखरी टीबा ब्लॉक से प्राकृतिक गैस का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है। यह ब्लॉक कंपनी को केंद्र सरकार की डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स (DSF) नीति के तहत तीसरे चरण यानी DSF राउंड-III में आवंटित किया गया था।
उत्पादन की शुरुआत और लक्ष्य
फिलहाल, बाखरी टीबा ब्लॉक से प्रतिदिन 67,200 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (SCMD) प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है। कंपनी का लक्ष्य इस उत्पादन क्षमता को जल्द ही बढ़ाकर 1 लाख स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन (SCMD) तक पहुंचाने का है। यह उत्पादन क्षमता वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी, जिसके लिए आवश्यक तकनीकी और बुनियादी ढांचे का विस्तार पहले से ही शुरू कर दिया गया है। उत्पादित गैस को दो प्रमुख उपभोक्ताओं गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL) और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) को आपूर्ति की जा रही है। यह आपूर्ति ना केवल औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी, बल्कि राज्य की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूती प्रदान करेगी।
कठिन परिस्थितियों में हासिल की गई सफलता
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे रेगिस्तान के बेहद कठिन और संवेदनशील सीमावर्ती इलाके में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। ऑयल इंडिया ने यहां तीन कुओं जिन्हें तकनीकी रूप से MWP वेल्स कहा गया है, इसको सफलता पूर्वक खोदकर, समयबद्ध तरीके से उत्पादन शुरू कर दिया है। ये कुएं प्राकृतिक गैस उत्पादन की रीढ़ बनकर उभरे हैं। इस भूभाग की भौगोलिक स्थिति, तापमान की चरम स्थितियां, सीमावर्ती सुरक्षा प्रोटोकॉल और अवसंरचनात्मक सीमाएं सभी ने इसे एक जटिल परियोजना बना दिया था। इसके बावजूद, कंपनी की टीम ने अत्यधिक समर्पण और तकनीकी दक्षता के साथ इस मिशन को पूरा किया।
केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई, बताया ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
इस ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने की। उन्होंने ऑयल इंडिया लिमिटेड की टीम को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कहा कि मैं OIL की टीम को उनके अथक परिश्रम और समर्पण के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। सीमावर्ती इलाकों में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी जिस तरह से उन्होंने यह कार्य किया, वह न केवल उनकी प्रतिबद्धता का परिचायक है बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक ठोस कदम है। मंत्री ने यह भी कहा कि उत्पादित प्रत्येक हाइड्रोकार्बन अणु भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने इस कार्य को भारत की ऊर्जा गाथा में एक नया अध्याय बताया।
ऊर्जा मंत्रालय ने जताया संतोष
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने भी इस पहल पर संतोष व्यक्त किया है और कहा है कि जैसलमेर के इस ब्लॉक से प्रारंभिक तौर पर जो उत्पादन शुरू हुआ है, वह आने वाले समय में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ऊर्जा आपूर्ति को नया बल देगा। मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के तहत जल्द ही और भी कुएं खोदे जाने की योजना है, जिससे उत्पादन क्षमता और अधिक बढ़ाई जा सके।
राष्ट्रीय ऊर्जा नीति में योगदान
ऑयल इंडिया की यह पहल ‘वन नेशन, एनर्जी सिक्योरिटी फॉर ऑल’ की परिकल्पना को मजबूत करती है। भारत जैसे ऊर्जा-उपयोगी देश के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों से गैस उत्पादन की यह शुरुआत रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे ना केवल स्थानीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि ऊर्जा आपूर्ति में क्षेत्रीय असंतुलन भी दूर होगा। जैसलमेर के रेगिस्तान में प्राकृतिक गैस उत्पादन की यह शुरुआत न केवल तकनीकी सफलता है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के उस संकल्प की भी झलक है, जहां देश की कंपनियाँ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। सीमावर्ती इलाकों में इस तरह की ऊर्जा परियोजनाएँ भारत की रणनीतिक शक्ति और ऊर्जा नीति के भविष्य को सशक्त बनाती हैं।