जेल से मंजीत को लाना बना दीपक की मौत का कारण, भोंडसी जेल में दो बार उसे लेने गया था

दीपक को अपने मामा मंजीत महाल को भोंडसी जेल से लाना भारी पड़ गया। वह भोंडसी जेल में मामा महाल को लेने दो बार गया था। जेल के बाहर उसे कपिल सांगवान उर्फ नंदू गिरोह के सदस्यों ने देख लिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है। हालांकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व अपराध शाखा समेत कोई भी यूनिट शूटर की न तो पहचान कर पाई है और न ही कोई सुराग हाथ लगा है।

स्पेशल सेल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गैंगस्टर मंजीत महाल हाल ही में दो बार पैरोल पर जेल से बाहर आया था। एक बार मंजीत महाल की मां के देहांत होने पर और दूसरी बार उसकी बेटी की शादी थी। पैरोल मिलने पर दोनों बार उसका भांजा दीपक उसे लेने जेल गया था। जांच में पता लगा है कि यहीं नंदू गैंग के सदस्यों ने दीपक को मंजीत महाल के साथ देख लिया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक की जांच में ये बात सामने आई कि नंदू गैंग ने ही दीपक की हत्या करवाई है।

अभी तक हो चुकी हैं 25 से ज्यादा हत्याएं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त आलाप पटेल ने बताया कि नंदू व मंंजीत महाल गिरोह के बीच गैंगवार वर्ष 2015 में शुरू हुई थी। इसमें अभी तक 25 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं। वर्ष 2015 में मंजीत महाल ने प्रॉपर्टी विवाद में नंदू के जीजा डाॅ. सुनील की हत्या कर दी थी। तब से शुरू हुई गैंगवार अभी तक थमी नहीं। उस समय मंजीत के साथ नफे मंत्री, रविंद्र भिंडा, अशोक प्रधान और प्रदीप सोलंकी शामिल थे।

इसके बाद नंदू के पिता की हत्या कर दी गई थी। इससे नंदू आग बबूला हो गया और उसने उसी शाम नफे मंत्री के माता-पिता और पत्नी पर हमला कर दिया था। इसमें नफे के पिता, जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे की मौत हो गई थी। इसके बाद नंदू विदेश चला गया। इस समय वह इंग्लैंड में है। उसने फरीदाबाद में जीजा की हत्या के गवाह बिल्लू और बहादुरगढ़ में नफे मंत्री की हत्या करवा दी थी। हरियाणा में युवती समेत तीन लोगों की हत्या नंदू गैंग ने करवाई थी।

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