जीएसटी की दरों में होगा बदलाव: कितने सस्ते होंगे AC, TV, फ्रिज और वॉशिंग मशीन?

आज नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स स्लैब को आसान बनाने पर चर्चा हो रही है। लोगों की निगाहें इस बैठक पर हैं क्योंकि फैसले के बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स और रोजमर्रा की चीजों की कीमतें कम हो सकती हैं। एसी टीवी फ्रिज जैसे प्रोडक्ट्स खरीदने वालों को फायदा होगा। वर्तमान में 12% और 28% की दरें हटाकर 5% और 18% स्लैब बनाए जाने की संभावना है।

आज यानी 3 सितंबर को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक चल रही है, जिसमें टैक्स स्लैब को और आसान बनाने और दरों में कटौती पर चर्चा चल रही है। इसी लिए आम लोगों की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं क्योंकि इस फैसले के बाद रोजाना इस्तेमाल की चीजों से लेकर बड़े इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमतें कम हो सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो त्योहारों से पहले एसी, टीवी, फ्रिज या वॉशिंग मशीन खरीदने की सोच रहे लोगों को काफी फायदा होगा। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…

रह सकते हैं सिर्फ दो ही स्लैब
रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में जीएसटी की 12% और 28% की दरें हटाकर इसे सिर्फ 5% और 18% स्लैब बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है, आसान शब्दों में कहें तो जिस प्रोडक्ट पर अभी 28% टैक्स लग रहा है वो 18% पर आ जाएंगे। जबकि 18% जीएसटी वाले सामान पर 5% टैक्स लग सकता है। काउंसिल की यह बैठक आज यानी 3 सितंबर और 4 सितंबर को चलेगी, जिसके बाद ही इसका अंतिम फैसला होगा।

कितना सस्ता हो सकता है AC?
बता दें कि इस वक्त एयर-कंडीशनर पर 28% जीएसटी लगता है। यानी अगर इसे घटाकर 18 परसेंट कर दिया जाता है तो मार्केट में एसी की कीमत में लगभग 6 से 7% तक की सीधी कमी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक यूनिट एसी की कीमत में करीब 1,500 से 2,500 रुपये तक की कमी आ सकती है।

कितने सस्ते होंगे स्मार्ट टीवी?
फिलहाल 43 इंच से बड़े स्मार्ट टीवी पर अभी 28% टैक्स देना पड़ता है लेकिन अगर यह दर भी 18% हो गई तो इनके दामों में भी एसी की तरह ही गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे टीवी का प्राइस लगभग 2,000 से लेकर 3,000 रुपये तक कम हो सकता है। हालांकि, कीमत में असली कटौती हर प्रोडक्ट के बेस प्राइस पर डिपेंड करेगी।

कितने सस्ते होंगे फ्रिज और वॉशिंग मशीन?
वहीं, इस वक्त रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन 18% जीएसटी स्लैब के दायरे में आते हैं। यानी अगर इन्हें भी 5% स्लैब में शामिल कर दिया जाता है तो ग्राहकों को इनकी कीमतों में भी अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि इन प्रोडक्ट्स की कीमत तभी कम होगी जब टैक्स रेट घटाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button