मोदी सरकार की इस टीम ने साकार किया जीएसटी का सपना

नई दिल्ली। जीएसटी को लेकर चल रहे विरोधों के बीच एक जुलाई से यह पूरे देश में लागू हो चुका है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते तीन सालों में जीएसटी से जुड़ी सभी कानूनी अड़चनों को दूर किया और इसके लिए संविधान में संशोधन भी किया गया। मगर, कम ही लोग जानते हैं कि इसे पूरी टीम ने मुकाम तक पहुंचाया है। जानते हैं एक देश एक टैक्स के नियम को साकार करने वाली टीम में शामिल लोगों के बारे में…
जीएसटी का सपना
रेवेन्यू सेक्रटरी हसमुख अधिया ने सभी सरकारी एजेंसियों, कारोबारी और औद्योगिक संगठनों के संपर्क में रहे। गुजरात के इस आईएएस अधिकारी ने उनकी चिताएं सुनीं और उन्हें दूर करने की कोशिश की। कई जगहों पर सख्ती भी बरती।
सीबीईसी की चेयरपर्सन वनजा सरना ने अप्रैल से ही जीएसटी को कामयाब तरीके से लागू करने के लिए जिम्मेदारी दी गई केंद्र सरकार की एजेंसी की अगुआई की। उन्होंने सफलतापूर्वक नए कर नियम को लागू कराया।
जीएसटी काउंसिल के अडिशनल सेक्रटरी अरुण गोयल उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर हैं। जीएसटी के शुरू की दिशा में ठहरे हुए प्रॉजेक्ट्स को हैंडल कर रहे ग्रुप की मॉनिटरिंग की।
सीबीईसी के कमिश्नर जीएसटी उपेंद्र गुप्ता ने जीएसटी से जुड़े किसी भी तकनीकी पहलू में अधिकारियों के फंसने पर उनकी मदद की। इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज के उपेंद्र ने कई लूप होल्स (बच निकलने के रास्तों) को बंद करने में कड़ाई से काम किया।
रेवेन्यू डिपार्टमेंट के ज्वाइंट सेक्रटरी उदय सिंह कुमावत ने अपनी टीम के साथ पर्दे के पीछे रहकर जीएसटी से जुड़े कानून और नियमों पर काम करते रहे।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क के चेयरमैन नवीन सिंह बिहार के चीफ सेक्रटरी थे। राज्य के आर्थिक मामलों पर काम करने के कारण उन्हें वित्तीय मामलों की अच्छी खासी समझ है। उन्होंने जीएसटी से जुड़े तकनीकी प्लेटफॉर्म को डिवेलप करने में काम किया।
प्रकाश कुमार, जीएसटी के सीईओ आईआईटी के पूर्व छात्र हैं। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम करने के बाद वह आईएएस बने। तकनीकि को समझा और सभी फॉर्म्स और स्प्रेडशीट को समय पर तैयार किया।
पूर्व रेवेन्यू एंड इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रटरी शशिकांत दास मोदी सरकार के सत्ता में आते ही जीएसटी लागू करने की तैयारियों में जुट गए थे। रेवेन्यू सेक्रटरी के तौर पर वह जेटली और संसदीय कमेटी के साथ मिलकर काम करते रहे। उन्होंने राज्यों से बात करके सभी तरह के गतिरोध दूर किए और बिल का मसौदा तैयार किया।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स (सीबीईसी) के चेयरमैन रहे नजीब शाह ने जीएसटी के वर्तमान स्वरूप को तय करने और इसे लागू करने में अहम भूमिका निभाई। वह इस साल मार्च में रिटायर हो गए।
आलोक शुक्ला और अमिताभ कुमार दोनों ही सीबीईसी के टैक्स रिसर्च यूनिट के ज्वाइंट सेक्रटरी हैं। दोनों ने टैक्स रेट और इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर काम किया। प्रोडक्ट और सर्विस से संबंधित टैक्स स्लैब तैयार किया।