जिला अस्पताल में मेडिकल सुविधाओं पर जवाब में देरी, पंजाब सरकार पर जुर्माना

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मालेरकोटला जिला अस्पताल में सीटी और एमआरआई स्कैनिंग सुविधाओं की उपलब्धता सहित बुनियादी ढांचे के संबंध में अधूरा हलफनामा दाखिल करने के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई करते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

हाईकोर्ट पंजाब भर के सरकारी अस्पतालों में रिक्तियों, सुविधाओं और राष्ट्रीय मानदंडों के अनुपालन से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पंजाब सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुसार हलफनामा सौंपा।

हाईकोर्ट ने कहा कि दायर राज्य के अतिरिक्त हलफनामे में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के तहत आवश्यक प्रमुख विवरणों को स्पष्ट नहीं किया गया।

कोर्ट ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) व्यवस्था के तहत सीटी स्कैन जैसी सेवाओं को निजी संस्थाओं को आउटसोर्स करने के राज्य के फैसले पर सवाल उठाया। मुख्य चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना राज्य का कर्तव्य है। किसी निजी व्यक्ति को यह काम क्यों सौंपा जाए? यह आपका कार्य है।

कोर्ट को बताया गया कि पंजाब स्वास्थ्य प्रणाली निगम ने अप्रैल 2021 में एक निजी फर्म, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स के साथ 10 साल की अवधि के लिए पीपीपी मॉडल पर रेडियोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता किया था। हलफनामा अधूरा पाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताया जाए कि मालेरकोटला जिला अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता क्या है और क्या सीटी व एमआरआई सुविधाएं उपलब्ध हैं या आउटसोर्स की गई हैं।

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