क्या आप भी इस्तेमाल करते है जियो, तो ये निगेटिव साइड इफेकट्स जरूर जाने

नई दिल्ली। जियो जब से लॉन्च हुआ है दूसरी सारी कंपनियों की तो वॉट सी लग गई है बाकी कंपनियों ने जियो के खिलाफ टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। वोडाफोन ने तो सीधे पीएम मोदी से जियो की शिकायत की है।

कंपनियोंजियो अन्‍य सर्विस प्रोवाइडर के मुकाबले काफी सस्‍ती दरों पर 4जी डाटा उपलब्ध करा रही है। जियो ने मुफ्त वॉयस कॉल देने का भी ऐलान किया है। मुफ्त वॉयस कॉल देने से बाजार की स्थिति में काफी बदलाव आ जाएगा।
 
जियो LTE तकनीक पर पर 4जी वॉयस का इस्‍तेमाल कर वॉयस कॉल देगा। हालांकि, मुफ्त कॉल सभी ऑपरेटर्स का वॉयस बिजनेस खत्‍म कर सकती हैं। जियो के प्‍लान बाकी ऑपरेटर्स को भी डाटा के दाम गिराने पर मजबूर करेंगे। 
 
आइए, जियो के लॉन्‍च होने के बाद बाजार पर पड़ने वाले 5 साइड इफेक्‍ट्स पर नजर डालें। इनमें से कुछ टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए चिंता का विषय हैं, मगर यूजर्स को फायदा होगा।
 
1. अगर जियो कस्‍टमर दूसरे सर्विस प्राेवाइडर्स के नंबर वॉयस कॉल करता है तो जियो को इंटरकनेक्‍ट चार्ज चुकाना होगा। अगर कोई कॉल जियो उपभोक्‍ता रिसीव करता है, तो जियो को राजस्‍व प्राप्‍त होगा। इससे शुरुआती दौर में जियो का काफी धन बाहर जाएगा, जब तक उसके पास पर्याप्‍त कॉल्‍स आनी शुरू नहीं होतीं।
जियो ने टेलीकॉम क्षेत्र में 1.25 लाख कराेड़ रुपए की भारी-भरकम रा‍शि लगाई है और वह और स्‍पेक्‍ट्रम खरीदने की दिशा में आगे बढ़ेगा। लेकिन, प्राइस वार शुरू करने और बेहतर सर्विस की बदौलत जियो तेजी से बाजार में अपनी जगह बना सकता है।
 
2. अगर रिलायंस लंबे समय तक इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है, तो यह वर्तमान बाजार के ढांचे को पूरी तरह बदल देगा। अगर रिलायंस निवेश नहीं करता तो भी यह अन्‍य ऑपरेटर्स को दीवालिया होने की कगार पर ले आएगा, उसके बाद कहीं खुद जियो पर इसका असर होगा।
 
3. जिन एनालिस्‍ट्स ने जियो के प्‍लान्‍स देखे हैं, उनका कहना है कि यह महीने में 500 रुपए से ज्‍यादा खर्च करने वाले (वॉयस एंड डाटा) किसी भी व्‍यक्ति के लिए फायदे का सौदा है।
जियो के पक्ष में एक बात यह भी है कि सेवाओं की गुणवत्‍ता पर बाकी कंपनियां बुरी स्थिति में हैं। कॉल ड्रॉप और नेटवर्क एरर की वजह से हर कस्‍टमर को कभी न कभी दिक्‍कत झेलनी पड़ी है, जबकि कम डाटा स्‍पीड भी कई यूजर्स के लिए चिंता का विषय है।

4. जब तक यह प्राइस वार चलेगा, हर टेलीकॉम ऑपरेटर का राजस्‍व कम होगा। चूंकि ज्‍यादातर मोबाइल आॅपरेटर्स पर अच्‍छा-खासा कर्ज है, राजस्‍व में कमी पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर नाटकीय प्रभाव डाल सकती है। मुकेश अंबानी द्वारा जियो को लॉन्‍च करते ही स्‍टाॅक मार्केट में फैला डर साफ बताता है कि यह वर्तमान ऑपरेटर्स के लिए बेहद गंभीर मामला है।

 
5. जियो के पास एक तेजी, सुव्‍यवस्थित नेटवर्क होगा क्‍योंकि अभी इसके पास इतने ज्‍यादा यूजर्स नहीं है। ऐसे में बाकी ऑपरेटरों के मुकाबले जियो की सेवाएं बेहतर होनी चाहिए।
भले ही कंपनियों को यह अच्‍छा लगे या नहीं, मगर उन्‍हें अपने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए सेवाओं की गुणवत्‍ता पर खर्च करना ही होगा।
 
अगर जियो का यह दांव सफल होता है तो मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र में भी बदलाव आ सकता है। ज्‍यादातर डाटा यूसेज वीडियो और टीवी कंटेंट, सोशल मीडिया पोस्‍ट्स और खुद बनाए गए वीडियो की वजह से होता है।
अगर बार ऐसा हो गया तो मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्‍टर में व्‍यापक बदलाव देखने को मिलेंगे।
 
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