जिन महिलाओं को हैं खुले बाल रखने का शौक, उन्हें जीवन में झेलने पड़ सकते हैं ऐसे परिणाम…
आजकल लड़कियां फैशनेबल दिखने के लिए अपने बाल खुले रखती हैं। ऐसे में आप सभी को हम यह भी बता दें कि भारतीय संस्कृति में कब खुले बाल रखना चाहिए और कब नहीं यह बताया गया है। इसे लेकर कई मान्यताएं बताई गई है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या होता है खुले बाल रखने से:
महिलाओं के लिए सुलझे हुए बाल होना अत्यंत आवश्यक है। कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करने से अयोध्या का अमंगल हो गया था और इसी कारण से महिलाओं को खुले उलझे बाल नहीं रखने चाहिए।
खुले बाल रखने से महिलाओं की सोच और आचरण दोनों खराब होने लगे हैं। वहीं ऐसा भी कहा जाता है जो पुरुष बड़े-बड़े खुले और लहराते हुए बाल रखते हैं उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है।
बालों के द्वारा कई तन्त्र क्रियाएं होती हैं। इसके अलावा अगर कोई महिला खुले बाल करके अशुद्ध या अनजान स्थान से गुजरती है तो उसपर बुरी शक्तियां हावी हो जाती है।
इंग्लैंड के डॉ. स्टैनले और अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गिलार्ड थॉमस ने निरीक्षण किया तो पाया कि केवल 4 प्रतिशत महिलाएं ही शारीरिक रूप से पत्नी या मां बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रियां बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेती है और माँ नहीं बन पाती है।