जालौर: आमरण अनशन पर बैठे कथावाचक अभयदास महाराज

जालौर में कथावाचक अभयदास महाराज द्वारा बायोसा माता मंदिर के दर्शन को लेकर उठे विवाद के बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। महाराज ने एक मकान की छत पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है और मुख्यमंत्री से कलेक्टर, एसपी व डीवाईएसपी को सस्पेंड करने की मांग की है। पुलिस बल मौके पर तैनात है।

जालौर में प्रसिद्ध कथावाचक अभयदासजी महाराज और प्रशासन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। बायोसा माता मंदिर के दर्शन को लेकर उत्पन्न हुए विवाद के बाद महाराज अपने समर्थकों के साथ विरोधस्वरूप शहर की कालका कॉलोनी स्थित एक मकान की छत पर बैठ गए हैं और उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। महाराज ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से मांग की है कि जालौर के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और डिप्टी एसपी को सस्पेंड किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें अपने समर्थकों के साथ बायोसा माता मंदिर के दर्शन की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक वे अनशन समाप्त नहीं करेंगे।

गौरतलब है कि अभयदासजी महाराज 11 जुलाई से जालौर के भगतसिंह क्रीड़ा स्थल पर कथावाचन कर रहे हैं। दो-तीन दिन पूर्व कथा के दौरान उन्होंने कथित रूप से बायोसा मंदिर के पास स्थित एक मजार को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद समुदाय विशेष के दो युवकों द्वारा सोशल मीडिया पर टिप्पणी की गई थी, जिन पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। इस बयान को लेकर प्रशासन ने सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताते हुए महाराज को जुलूस के रूप में मंदिर जाने से रोका।

महाराज समर्थकों के साथ मंदिर जाने का प्रयास करते हुए पुलिस को चकमा देकर भागे लेकिन पुलिस द्वारा रोके जाने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस और समर्थकों के बीच झड़प हुई और कुछ उपद्रवियों ने पुलिस वाहन पर पथराव भी किया, जिससे हालात और बिगड़ गए।

प्रशासन का कहना है कि महाराज ने जुलूस निकालने की कोई अनुमति नहीं ली थी और उनके कथनों से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका थी, इसी कारण उन्हें जुलूस के रूप में मंदिर जाने से रोका गया। प्रशासन ने कुछ महिलाओं को दर्शन की अनुमति दी लेकिन महाराज बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ मंदिर जाना चाहते थे। बहरहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।

घटनाक्रम को देखते हुए जालौर के स्थानीय अखाड़ों, संतों और संगठनों ने अभयदासजी महाराज से अपील की है कि वे अनशन समाप्त करें और शांति बनाए रखें। संतों ने स्पष्ट किया कि यदि मंदिर परिसर में अवैध अतिक्रमण है तो उसकी जांच और कार्रवाई प्रशासन करेगा, यह काम किसी भी कथावाचक का नहीं है। संतों ने यह भी कहा कि यदि महाराज नहीं मानते हैं तो अखाड़ा और जालौर की जनता उनका साथ नहीं देगी।

जालौर में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन और साधु-संत शांति की अपील कर रहे हैं, जबकि महाराज अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि प्रशासन और संत समाज मिलकर इस विवाद का समाधान कैसे निकालते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button