जालंधर में अमोनिया गैस लीक से हड़कंप, आइस फैक्टरी में फिर हुई घटना

पंजाब के जालंधर में उस समय हड़कंप मच गया जब एक फैक्टरी में अमोनिया गैस लीक हो गई। आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
पंजाब के जालंधर के मकसूदां एरिया के आनंद नगर में गली नंबर-1 में आइस फैक्टरी (बर्फ फैक्टरी) में एक बार फिर से गैस लीक होने का मामला सामने आया है। गैस लीक होने से वहां हड़कंप मच गया। इससे पहले मार्च महीने में इसी आइस फैक्टरी में अमोनिया गैस लीक हुई थी और उसके बाद मामला तूल पकड़ गया था। इसके बाद फैक्टरी को बंद करने आदेश जारी हुए थे, लेकिन फैक्टरी मालिक ने दोबारा अमोनिया गैस भरकर फैक्टरी में रखी थी।
शनिवार को फैक्टरी बंद होने के दौरान एक बार फिर से गैस लीक हुई और इलाके को खाली करवाया गया। डिप्टी डायरेक्टर ऑफ सेक्रेटरी गुरजंट सिंह खुद मौके पर पहुंचे, साथ सिविल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने दोबारा फैक्टरी बंद करवा दी है। वहीं अमोनिया गैस को फैक्टरी से बाहर निकाला जा रहा है।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर मौके पर पहुंचकर फैक्टरी को इस जगह से शिफ्ट करने और फैक्टरी से बची हुई गैस को सोखने के आदेश जारी कर दिए गए थे। वहीं डिप्टी डायरेक्टर द्वारा फैक्टरी को बंद करने के भी आदेश दिए गए थे। हालांकि उस दौरान फैक्टरी मालिक कुलदीप ने कहा था कि 2 सप्ताह से फैक्टरी बंद पड़ी है। उन्होंने कहा था कि प्रशासन की ओर से बिजली और पानी का कनेक्शन काटा हुआ है।
जालंधर में आइस फैक्टरी से गैस लीक होने पर निवासियों में रोष पाया जा रहा है। इलाका निवासियों द्वारा इस घटना की सूचना मिलते ही बिजली विभाग और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां बिजली विभाग की ओर से बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई। उनका कहना है कि 22 अगस्त तक फैक्टरी मालिक को मोहलत है और उसके बाद वह फैक्टरी को लेकर दूसरी जगह शिफ्ट करने का कह रहे हैं। वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से उन्हें पत्र मिला था, जिसमें फैक्टरी की ओर पेंडिंग अमाउंट के कारण फैक्टरी का कनेक्शन काटा गया था।
लोगों ने कहा कि फैक्टरी मालिक ने अकसर उनको कई बार धमकी दी थी, लेकिन फैक्टरी मालिक को एनओसी कैसे मिली इसके बारे में प्रशासन ही बता सकता है। इलाका निवासी ने बताया कि 2014 से फैक्टरी बंद करवाने को लगे हुए थे, क्योंकि पॉलिटिकल प्रेशर के कारण फैक्टरी चल रही थी और बंद करवाने में समस्या आ रही थी। फैक्टरी मालिक के पास कोई भी दस्तावेज नहीं थे और बिना लाइसेंस के फैक्टरी को चलाया जा रहा था।