जानें क्यों ब्रिटेन छोड़ने की तैयारी में जुटे मुस्लिम, जानें पूरा मामला…

ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी को जबरदस्त बहुमत मिल चुका है. पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उन्हें अब एक नया जनादेश मिला है जिससे वह ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन से अलग करने वाले ब्रेक्जिट को लागू कर सकेंगे. लेकिन इसके साथ ही वहां मुस्लिमों को लेकर आश्चर्यजनक चीजें भी सामने आ रही हैं.

दरअसल, ब्रिटिश-मुस्लिमों का कहना है कि नई जॉनसन सरकार के अंदर उनके समुदाय को अपने भविष्य की चिंता है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने ब्रिटिश मीडिया के हवाले से बताया कि इसी चिंता के कारण उन्होंने ब्रिटेन छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

बोरिस जॉनसन पर इस्लामोफोबिया के आरोप लगते रहे हैं और अब नए जनादेश के बाद वे अगले पांच साल तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने रहेंगे. इसी बीच ब्रिटेन में मुसलमानों के स्थान को आश्वस्त करने के लिए मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन (एमसीबी)  प्रधानमंत्री जॉनसन से मुलाकात कर चुका है.

‘मेट्रो यूके’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘मुस्लिम बराका फूड एड चैरिटी’ के प्रमुख मंजूर अली, जो मैनचेस्टर में गरीब लोगों के लिए फूड पार्सल मुहैया कराते हैं, उनका कहना है कि वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर आशंकित हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार अली ने बताया कि उनकी चैरिटी 10 वर्षो से चल रही है. वह पूर्व सैनिकों और श्वेत श्रमिक वर्ग के लोगों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद करती आ रही है.

उन्होंने मेट्रो यूके को बताया कि ब्रिटेन उनका घर रहा है और उन्हें नहीं पता है कि उन्हें और कहां जाना है, लेकिन उनका परिवार इस बात पर राजी है कि उन्हें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहीं और चले जाना चाहिए.

कर चुके हैं विवादास्पद टिप्पणियां: 

दरअसल, बोरिस जॉनसन द्वारा पूर्व में की गईं विवादास्पद टिप्पणियों के बाद उन पर इस्लामोफोबिया और नस्लवादी होने का आरोप लगाया जाता रहा है. जॉनसन ने 2005 में ‘स्पेक्टेटर’ के एक लेख में अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि जनता का इस्लाम से डरना स्वभाविक है.

इतना ही नहीं पिछले साल टेलीग्राफ के एक कॉलम में मुस्लिम महिलाओं की ‘लेटरबॉक्स और बैंक लुटेरों’ से तुलना करने पर जॉनसन की काफी आलोचना की गई थी.

सफाई दी और माफी मांगी: 

इसके बाद बोरिस जॉनसन ने सफाई भी दी थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि उनकी टिप्पणियों को गलत संदर्भ में लिया गया और मुस्लिम महिलाएं जो पहनना पसंद करती हैं, उसे लेकर उनके अधिकारों का बचाव भी किया.

इसके अलावा इस साल चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने अपनी सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया के लिए माफी भी मांगी. यह कदम उन्होंने तब उठाया था जब कई उम्मीदवारों ने मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए कई पोस्ट किए थे.

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर लंदन की एक आईटी सलाहकार ईडान भी मंजूर अली जैसा ही सोच रही हैं. उन्होंने कहा कि वह दिसंबर 12 के आम चुनाव में जॉनसन की जबरदस्त जीत के बाद बहुत डरी हुई हैं.

ईडान ने तो यह भी बताया कि उनपर पहले हमले भी हो चुके हैं, जब उनके सिर पर से उनके स्कार्फ को नोचकर फाड़ दिया गया था और लोगों ने उन्हें सरेआम आतंकवादी कहा था. उन्हें डर है कि परिणाम ‘नस्लवादियों और इस्लामोफोबेस’ को बढ़ावा देगा.

ईडान ने ‘मेट्रो डॉट को डॉट यूके’ से कहा कि मैंने सक्रिय रूप से कहीं और नौकरियों की तलाश करनी शुरू कर दी है, मैं या तो तुर्की जाऊंगी या पाकिस्तान चली जाऊंगी. क्योंकि मैं बहुत ज्यादा डरी हुई हूं.

 

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