जानें क्यों निर्भया के दोषी विनय को वकील ने कहा पागल, सामने आई ये चौका देने वाली रिपोर्ट

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा ठुकरा दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी पर आज शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। निर्भया मामले में दोषी विनय के वकील ने फांसी टालने के लिए नया पैंतरा चला। एपी सिंह ने कहा कि, ‘विनय शर्मा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण विनय मैनटल ट्रॉमा से गुज़र रहा है, इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती है।’

वकील ने कहा कि जेल में मनोचिकित्सक विनय की रेगुलर जांच करते हैं और विनय को दवाई दी जाती है। यहां बेहद अहम बात ये है कि क़ानून के अनुसार, फांसी देने के वक़्त दोषी शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए, उसे कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए,  इसी क़ानून को देखते हुए आतंकवादी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर को फांसी पर नहीं लटकाया जा सका था, क्योंकि अदालत द्वारा दोषी पाए के बाद और फांसी की सज़ा सुनने के बाद वह मानसिक रूप से बीमार हो गया था, जिसके कारण उसे फांसी पर नहीं लटकाया जा सका था और अंत में उसकी फांसी की सजा को शीर्ष अदालत ने उम्रक़ैद में बदल दिया था।

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भुल्लर के मामले में 1993 में दिल्ली में युवक कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष एमएस बिट्टा की कार पर बम से हमला करने के षड्यंत्र में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में नौ लोगों की जान गई थी, जबकि बिट्टा समेत 25 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। भुल्लर को इस अपराध के लिए शीर्ष अदालत से भी फांसी हुई थी। राष्ट्रपति ने भी मई 2011 में उसकी दया याचिका ठुकरा दी थी, किन्तु भुल्लर की पत्नी ने दया याचिका निपटाने में हुई 8 वर्ष की अनुचित देरी को आधार बनाते हुए शीर्ष अदालत से फांसी माफ करने की गुहार लगाई थी।

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