जानें आत्मा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें, शरीर छोड़ने के बाद क्यों…

हम यह अच्छी तरह जानते है कि आत्मा ईश्वर का अंश होती है। इसलिए आत्मा ईश्वर की ही तरह अमर होती है। संस्कारों के कारण इस दुनिया में आत्मा का अस्तित्व भी मौजूद है। आत्मा जिस शरीर में निवास करती है, तो उसे उसी स्त्री या पुरुष के नाम से जाना जाता है। आत्मा रंगहीन व रूपहीन होती है, इसका कोई लिंग भी नहीं होता है।
आत्मा अमर है:
यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्म लेती है न मरती है। आत्मा अजन्मी, नित्य, सनातन और पुरातन है। शरीर के मर जाने पर भी यह जीवित रहती है।
जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ों को बदल कर नए कपड़ों को धारण कर लेता है। वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीर को त्यागकर दूसरे नए शरीर में चली जाती है।

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शरीर की मृत्यु हो जाने के बाद आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति के लिए 13 दिनों का समय लगता है। इसलिए इस दौरान आत्मा की शांति व मुक्ति के लिए पूजा पाठ, दान दक्षिणा आदि अनुष्ठान किए जाते हैं। 
इन 13 दिनों के बाद आत्मा पितृलोक चली जाती है। आत्मा की अमरता की यही कहानी है।

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