जानें अगर कोई प्रेग्नेंट महिला है कोरोना संक्रमित हैं तो उसके होने वाले बच्चे को कितना खतरा रहेगा…
यदि कोई महिला कोरोना संक्रमित है तो उसके होने वाले बच्चे को कोरोना का कितना खतरा रहेगा, रहेगा या नहीं रहेगा आदि कई सवाल लोगों के मन में उठते हैं। इस बात पर पहले कुछ शोध सामने आ चुके हैं लेकिन अब एक नया शोध कुछ अनजानी बातों का खुलासा कर रहा है। न्यूयार्क प्रेसिटेरियन कोमंस्की चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की प्रमुख शोधकर्ता पैट्रिका डेलामोरा ने बताया कि न्यूयार्क के तीन अस्पतालों में 22 मार्च से 17 मई 2020 के बीच 116 माओं के 120 नवजातों पर यह शोध किया गया है। लैंसट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ जनरल में प्रकाशित शोध में जो बताया गया है उसमें बहुत सारे प्रश्नों का समाधान भी मिल जाएगा। पिछले शोधों के विपरीत अनुसंधानकर्ताओं ने अब दावा किया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से संक्रमित मांओं के नवजातों को यह संक्रमण होने का खतरा न के बराबर है। खासकर अगर उचित साफ-सफाई और जरूरी सावधानियां बरती जाएं। सबसे उत्साहजनक बात यह है कि ऐसा करते हुए मां अपने नवजात को स्तनपान करा सकती है। यहां तक कि वह उसी कमरे में भी रह सकता है।
ऐसे किया प्रयोग और यह पाया
शिशु को जन्म देने पर या उसके दो हफ्ते बाद भी कोरोना से संक्रमित मां से उसके बच्चे को संक्रमण नहीं हुआ था। फिर चाहे उसने अपने नवजात को नियमित रूप से स्तनपान कराया हो या उन दोनों की त्वचा एक-दूसरे को स्पर्श करती रही हो। या फिर मां और शिशु एक ही कमरे में रहे हों, उन्हें कोई संक्रमण नहीं हुआ।
कोरोना से संक्रमित इन गर्भवती महिलाओं को कहा गया था कि वह अपने शिशु के संपर्क में रहने के दौरान हमेशा फेस कवर या फेस मॉस्क पहने और संक्रमण को फैलने से रोकने वाली सभी सावधानियों का अच्छी तरह से पालन करें।
शिशुओं के जन्म के 24 घंटे बाद उनके स्वाब का परीक्षण किया गया तो उनमें कोरोना संक्रमण नेगेटिव पाया गया।
इन मांओं को कोरोना के चलते साफ-सफाई और कुछ अतिरिक्त सावधानियां बरतने को कहा गया था।
शिशुओं को अलग बंद पालने में मां के बिस्तर से छह फिट दूर रखा गया था।
– मांओं को बच्चों के संपर्क में आने से पहले सर्जिकल मास्क पहनना था और दूध पिलाने से पहले हाथ धोने थे और स्नान करना था।