जानें अंडमान को मिली सौगात की खासियत, कैसे मिलेगी 400 GB प्रति सेकेंड तक की स्पीड…

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नई सौगात मिली है. यहां केंद्र सरकार द्वारा सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है, जिसके जरिए पूरे द्वीप में फोन-इंटरनेट की कनेक्टविटी बेहतर हो सकेगी. बीएसएनल के जरिए इस प्रोजेक्ट को पूरा किया गया और समुद्र के नीचे केबल बिछी है. अब जब प्रोजेक्ट पूरा हुआ है तो अंडमान-निकोबार को 400 GB प्रति सेकेंड तक की स्पीड मिल पाएगी. ये प्रोजेक्ट क्यों खास है और इसकी मुख्य बातें क्या है, जानिए…

• चेन्नई से शुरू हुआ प्रोजेक्ट पोर्ट ब्लेयर तक गया है. समुद्र के नीचे 2313 किमी. में केबल बिछाई गई है.

• इसकी कुल लागत 1224 करोड़ रुपये आई है.

• ये केबल स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामरोता, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड, रंगत में जाएगी.

• पोर्ट ब्लेयर को 400 जीबी प्रति सेकेंड और अन्य द्वीपों को 200 जीबी प्रति सेकेंड तक की स्पीड मिल सकती है.

• बीएसएनएल ने इस प्रोजेक्ट की अगुवाई की, 24 महीने के अंदर समुद्र के नीचे केबल बिछा दी गई.

• शुरुआत में बीएसएनल का नेटवर्क काम करेगा, लेकिन बाद में प्राइवेट कंपनियों को मौका मिलेगा. ऐसे में अंडमान को भी 4जी सर्विस की सुविधा मिल पाएगी.

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• इस प्रोजेक्ट की मदद से टेली-एजुकेशन, टेली-हेल्थ, ई-गवर्नेंस, टूरिज्म के क्षेत्र में फायदा मिलने की संभावना है.

• इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही की थी और आज उन्होंने ही इसका उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री ने सोमवार को इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि 15 अगस्त के जश्न से पहले अंडमान के लोगों के लिए ये उपहार है. अब लोग वहां आएंगे तो लंबे वक्त तक रुकने की कोशिश करेंगे, क्योंकि कनेक्टनिटी की कोई दिक्कत नहीं आएगी. साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.

पीएम ने ऐलान किया है कि अब जल्द ही पोर्ट ब्लेयर को आसपास के अन्य आइलैंड से जोड़ने के लिए वाटरवे का निर्माण किया जाएगा, नदियों को जोड़कर देश में इसपर काम जारी है.

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