जानिए सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़‍ियां और हरे कपड़े

सावन का महीना आते ही आपने महिलाओं को हरी-हरी चूड़‍ियां पहनते देखा होगा. इस पूरे महीने में लोग हरा कपड़ा ज्यादा पहनते हैं. दरअसल, इसका धार्मिक महत्व है. इस महीने में हरा रंग उपयोग करने और पहनने से भाग्य प्रभावित होता है.

जानिए सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़‍ियां और हरे कपड़े

क्यों पहनते हैं हरा रंग

ज्योतिषी प्रवीण मिश्र ने बताया कि हरा रंग सौभाग्य का रंग होता है. सावन आते ही हर तरफ हरियाली आ जाती है. दरअसल, यह पूरा महीना प्रकृति से खुद को जोड़ने का खास महीना होता है. इसलिए श‍िव पर जल अर्पित कर भी हम खुद को प्रकृति से जोड़ते हैं. इसी तरह इस महीने हरा रंग पहनकर भक्तजन खुद को प्रकृति से जोड़ते हैं, जिसका असर उनके भाग्य पर भी होता है.

सुहाग की सलामती

शास्त्रों में भी प्रकृति को ईश्वर का रूप माना गया है और इसलिए उसकी पूजा भी की जाती है. इस पूरे महीने हरा पहनने वाले लोगों पर प्रकृति की विशेष कृपा होती है. महिलाएं हरे रंग की चूडि़यां और सुहाग की चीजें पहनकर प्रकृति से खुद को जोड़ती हैं और इस तरह उनके सुहाग की सलामती का उन्हें आर्शीवाद मिलता है.

करियर और समपन्नता

हरा रंग बुद्ध ग्रह का प्रतीक होता है. बुद्ध ग्रह करियर और व्यापार से जुड़ा हुआ है. ऐसे में हरा रंग पहनने से बुद्ध प्रसन्न होते हैं और सुहागिनों के घर में समपन्नता और धन-धान्य बढ़ाते हैं. 

सावन में हरा रंग पहनने से श‍िव खासतौर से खुश होते हैं. भगवान शंकर का प्रकृति से विशेष जुड़ाव है और ऐसे में भक्त जब खुद को प्रकृति के अनुरूप ढाल लेता है तो श‍िव विशेष तौर से खुश हो जाते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. सावन में हरे रंग चूड़‍ियां पहनने वाली महिलाओं पर विष्णु जी भी प्रसन्न होते हैं.

शादीशुदा जीवन में खुशहाली

हरा-हरा रंग प्रकृति, उर्वरता, बहुलता, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि का प्रतीक है. हरा, उपचार का भी रंग है और ये हार्ट के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्याओं के लिए भी अच्छा माना जाता है. जिन शादीशुदा दंपति के जीवन में अनबन चल रही हो वो अपने बेडरुम के दक्षिण पूर्व हिस्से को हरे रंग से पेंट करें तो इसका लाभ मिल सकता है.

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