जानिए क्या होता है मरे हुए लोगों के फेसबुक अकाउंट का?

ये तो हम सभी मानते हैं कि कोई किसी भी वक्त कहीं पर भी किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। कहा भी जाता है कि घर से बाहर निकलते ही हम सड़क पर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं रहते। खुदा न खासता अगर हमारे साथ कभी कोई अनहोनी हो जाए तो ये जानना बहुत जरुरी है कि हमारे फेसबुक अकाउंट का क्या होगा? क्या फेसबुक डेटाबेस में यह ऐसे ही पड़ा रहेगा? या फेसबुक इसे डिलिट कर देगा। यह सवाल बहुत ही मजेदार है और जवाब तो उससे भी ज्यादा मजेदार है। 

जानिए क्या होता है मरे हुए लोगों के फेसबुक अकाउंट का? क्या है फेसबुक की पॉलिसी

फेसबुक पर ‘लिगेसी कॉन्टैक्ट’ का ऑप्शन मौजूद है। जो आपकी गैरमौजूदगी में अपनी मर्जी या अनुमति से आपके अकाउंट की देखरेख करता है। ‘लिगेसी कॉन्टैक्ट’ रखना किसी भी फेसबुक यूजर के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। लिगेसी कॉन्टैक्ट मौत के बाद उसके यूजर के अकाउंट को मैनेज कर सकता है। आप जिसे भी अपना लिगेसी कॉन्टैक्ट बनाएंगे वह आपकी प्रोफाइल पिक्चर बदल सकता है, आपकी टाइमलाइन पर पोस्ट कर सकते हैं और आपको आई हुई फ्रेंड रिक्वेस्ट का जवाब दे सकते हैं।

मृत लोगों के अकाउंट का क्या होता है?

मृत लोगों के अकाउंट को फेसबुक डिलिट नहीं करता बल्कि उसे सहेजता है यानि ‘मेमोरियलाइज’ कर लेता है। फेसबुक मृत लोगों की यादों को सहेजने के लिए उनके पोस्ट और तस्वीरें अपने डेटाबेस में सेव रखता है। मृत लोगों के अकांउट के साथ फेसबुक ‘रिमेंबरिंग’ शब्द जोड़ देता है। ऐसे अकाउंट ‘पीपल यू मे नो’ और फ्रेंड सजेशन में दिखाई नहीं पड़ते हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों को किसी के जन्मदिन का नोटिफिकेशन ही आता है।

फेसबुक को कैसे दे मौत की खबर?

लिगेसी कॉन्टैक्ट के पेज के अंत में फेसबुक आपसे किसी मृत व्यक्ति की जानकारी देने के बारे में पूछता है। उसपर क्लिक करने के बाद एक फॉर्म ओपन होता है, जिसमें अकाउंट के मालिक को मृत घोषित करने के लिए उससे जुड़ी जानकारी भरनी होती है। लेकिन, यहां आप किसी को भी मृत घोषित नहीं करवा सकते, क्योंकि यहां डेथ सर्टिफिकेट भी अपलोड करना होता है। जिसको वेरीफाई करने के बाद फेसबुक उस व्यक्ति को मृत घोषित करता है।

प्राइवेसी का रखा जाता है पूरा ध्यान

किसी की मौत के बाद उसके फेसबुक उसके किसी भी तरह मैसेज को किसी तीसरे व्यक्ति से शेयर नहीं करता है। इसके अलावा, फेसबुक मृत व्यक्ति की लॉग इन डिटेल भी किसी को नहीं देता है। ये सब फेसबुक की प्राइवेसी पॉलिसी में आप भी पढ़ सकते हैं। क्योंकि अनहोनी किसी के साथ भी हो सकती है, इसलिए ऐसी जानकारी आपके और हमारे काफी काम की है। इस पोस्ट का उद्देश्य बस ये है कि किसी करीबी या हमारे साथ कोई अनहोनी होने पर फेसबुक का गलत इस्तेमाल न हो सके।

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