जानिए कैसे पुलिस की थ्योरी को फेल कर हत्यारोपी छात्र तक पहुंची CBI

प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने गुडगांव पुलिस की पूरी थ्योरी को बदलते हुए रेयान स्कूल के ही 11वीं कक्षा के एक छात्र को असली गुनहगार बताया है। सीबीआई ने दावा किया है कि इसी छात्र ने पीटीएम और स्कूल की परीक्षाएं टलवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की थी। जबकि शुरूआत में गुडगांव पुलिस ने हत्या के आरोप में उसकी स्कूल बस के कंडक्टर मुकेश को गिरफ्तार कर दावा किया था कि यौन शोषण में नाकाम रहने पर उसने ही मासूम का कत्ल किया था। 
जानिए कैसे पुलिस की थ्योरी को फेल कर हत्यारोपी छात्र तक पहुंची CBIवहीं, केस सीबीआई के पास पहुंचा तो उसने नए सिरे से पूरी जांच पड़ताल की, जांच एजेंसी ने उन सुबूतों पर खास फोकस किया जिन्हें स्‍थानीय पुलिस ने जांच के दौरान छोड़ दिया था। इसी जांच में सीबीआई के हाथ कुछ ऐसे सुबूत लगे जिनसे एक बार को देश की इस सबसे बड़ी जांच एजेंसी के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। सभी सुबूतों और तथ्यों का बारीकी से परीक्षण किया गया, इसके बाद ही असली हत्यारोपी पर हाथ डाला गया। 

हालांकि अभी जांच में कई और मामलों का खुलासा होना है, मसलन इस हत्याकांड में स्कूल प्रबंधन की क्या भूमिका रही, गुडगांव पुलिस ने किस बिना पर बस कंडक्टर को आरोपी बनाया? बरहाल एक बार निगाह डालते हैं सीबीआई के उन कदमों पर जिससे वह असली गुनहगार तक पहुंच पाई।

पुलिस की छोड़ी सीसीटीवी फुटेज ने दिखाई असली राह

-सीबीआई को शुरू से ही इस थ्योरी पर शक था कि एक बस कंडक्टर किसी छात्र का यौन शोषण करने के लिए स्कूल के टॉयलेट जैसी भीड़ भाड़ वाली जगह को क्यों चुनेगा। अगर उसे ऐसा करना ही होगा तो वो कोई और सुनसान जगह देखेगा। इसके बाद सीबीआई ने कंडक्टर की जगह दूसरे हत्यारे की तलाश शुरू की। 

-सीबीआई का शक इस बात पर भी था कि अगर यौन शोषण के इरादे से ही अगर कंडक्टर स्कूल के टॉयलेट में पहुंचा तो चाकू साथ क्यों ले गया? चाकू साथ लेकर वही इंसान जाएगा जिसका इरादा कत्ल करने का हो यौन शोषण का नहीं। 

-इसी बात ने सीबीआई को दूसरे कातिल तक पहुंचने की राह दिखाई। जिसके बाद सीबीआई ने घटना वाले दिन के तथ्यों की ढंग से जांच पड़ताल की और क्राइम सीन दोबारा क्रिएट किया। 

-सीबीआई की जांच में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बनी स्कूल की वह सीसीटीवी फुटेज जिसे गुडगांव पुलिस ने शुरूआती जांच में धुंधली मानकर छोड़ दिया था। सीबीआई ने दोबारा उस फुटेज को बरामद किया और हैदराबाद की लैब में उसकी जांच करवाई। फुटेज से ही सामने आया कि घटना के बाद आरोपी छात्र ही सबसे पहले उस जगह दिखाई दिया।

-सीबीआई को यह भी पता लगा कि यह वही छात्र है जिसने माली को घटना के बारे में बताया था, माली ने भी इस छात्र का पूछताछ में जिक्र किया था। इसके बाद सीबीआई ने उसे वॉच करना शुरू किया, उसके दोस्तों से पूछताछ की गई। इसी में जांच एजेंसी के हाथ कई क्लू लगे।

साथियों से बात करते हुए बोला था आरोपी, कल स्कूल बंद रहेगा

आरोपी छात्र ने एक दिन पहले ही अपने दोस्तों से कहा था कि “कल स्कूल बंद रहेगा”, हालांकि उसकी बात को उस समय दोस्तों ने हल्के में लिया लेकिन घटना के बाद उन्हें उस पर शक रहने लगा, लेकिन उन्होंने किसी से जिक्र नहीं किया। 

-आरोपी छात्र की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं बताई जा रही है, बताया जाता है कि उसका एक साल से इलाज चल रहा है, न ही उसका पढ़ने में मन लगता था।

-शक पुख्ता होने के बाद सीबीआई ने आरोपी छात्र को पिता के साथ पूछताछ के लिए पांच बार बुलाया, पहली बार कोई पूछताछ नहीं हुई। लेकिन बाकी चार बार छात्र पूछताछ में अपना बयान बदलता रहा। 

-पांचवी बार की पूछताछ में उसने हत्या का गुनाह स्वीकार कर लिया। सीबीआई के अनुसार छात्र ने माना कि हत्या उसी ने की और ये इत्तेफाक था कि उस दिन प्रद्युम्न उसके सामने आया अगर कोई दूसरा स्टूडेंट आता तो वो उसका भी कत्ल कर सकता था।

-सीबीआई द्वारा की गई तफ्तीश पर प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने भी संतुष्टि जताई है। हालांकि उन्होंने आरोपी छात्र को व्यस्क आरोपी की तरह ही सजा दिए जाने की मांग की है। 

-मामले में सीबीआई अब आरोपी छात्र को रिमांड पर लेकर तथ्यों की जांच परख करेगी। संभावना है कि इस दौरान उसे स्कूल ले जाकर हत्या वाले सीन को रीक्रिएट भी किया जाए। कोर्ट ने सीबीआई को आरोपी छात्र की तीन दिन की रिमांड दी है।
 

 

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