जानिए आखिर क्यों ठंड में खड़े होते है रोंगटे

आपने ध्यान दिया होगा जब हमे डर लगता है तब हमारे रोंगटे खड़े हो जाते है. जब हम अधिक रोमांचित होते या कोई पुरानी बात याद आती है तब भी रोंगटे खड़े हो जाते है. रोंगटे खड़े होने से रोमांच को महसूस किया जाता है. बॉडी में मौजूद हर रोआ मसल्स से जुड़ा होता है. दिमाग ही शरीर के सारे हिस्सों पर कंट्रोल रखता है, उन्हें आदेश देता है

जानिए आखिर क्यों ठंड में खड़े होते है रोंगटे

इसके लिए दिमाग नर्वस सिस्टम की मदद लेता है. दिमाग में ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम होता है जिसके दो हिस्से होते है, सिम्पैथेटिक और पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम. सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम हमारे दिल की गति को जब बढ़ा देता है जब कोई डरावनी चीज या भावुक संगीत सुनते है. यह इस कारण भी होती है कि शरीर के सभी अंगों तक जल्दी ब्लड पहुंच जाए. इस प्रक्रिया के साथ ही किडनी के ऊपर एड्रेनल ग्लैंड्स से एड्रेनालाइन हार्मोन का स्राव करता है, इससे मसल्स को शक्ति मिलती है.

यह शरीर के रोयों को भी उत्तेजित करती है ताकि शरीर में गर्मी आ जाए. ठंड लगने पर भी यह प्रतिक्रिया दोहराई जाती है. रोये किसी भी परिस्थिति में खड़े हो जाते है. यह हमारे दिमाग द्वारा संचालित होते है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ समय बाद स्थिति पहले जैसे हो जाती है.

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