जानलेवा ठंड और उखड़ी सांसें, पर नहीं मानी हार, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर अंजना ने फहराया तिरंगा

मध्य प्रदेश के मैहर जिले की अमरपाटन तहसील के छोटे से गांव बेंदुराकला की बेटी अंजना सिंह ने वह कर दिखाया है, जो लाखों युवाओं का सपना होता है। यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (5,642 मीटर / 18,510 फीट) पर रविवार सुबह 6 बजे तिरंगा फहराकर अंजना ने न सिर्फ भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि युवाओं को ‘नशे को नहीं, सपनों को अपनाओ’ का प्रेरणादायक संदेश भी दिया।
इस ऐतिहासिक पर्वतारोहण से पहले 17 जुलाई को भोपाल में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंजना ने तिरंगा सौंपा था, जिसे उन्होंने माउंट एल्ब्रुस की चोटी पर फहरा है। बर्फीली हवाओं, बेहद कम ऑक्सीजन और जानलेवा ठंड के बीच जब उनकी सांसें लड़खड़ाने लगीं थीं। इस दौरान एक शेरपा महिला ने उन्हें ऑक्सीजन बैग दिया और वहीं से शुरू हुआ उनका आत्मबल, जिसने उन्हें चोटी तक पहुंचा दिया।
यहां भी तिरंगा फहरा चुकी हैं अंजना
अंजना की पर्वतारोहण यात्रा वर्ष 2024 से शुरू हुई। 20 मई को उन्होंने मनाली की 15,000 फीट ऊंची फ्रेंडशिप वैली फतह की, फिर 19 जुलाई को लद्दाख सीमा पर स्थित 6,011 मीटर ऊंची शिनकुन चोटी पर तिरंगा लहराया। अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर माउंट किलिमंजारो (19,341 फीट) पर भी वह विजय हासिल कर चुकी हैं।
अंजना के पिता हैं किसान
एक साधारण परिवार से आने वाली अंजना के पिता राजेश सिंह किसान हैं, मां सियावती सिंह गृहिणी हैं और उनका एक बड़ा भाई भी है। आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अंजना ने अपने जुनून को कभी मरने नहीं दिया। आज उनकी इस सफलता पर न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा मैहर जिला और प्रदेश गर्व महसूस कर रहा है। अंजना की कहानी हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है, जो ऊंचाइयों को छूने का सपना देखती है। उनका साहस और संघर्ष यह साबित करता है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी चोटी नामुमकिन नहीं होती।