जल्द से जल्द चंद्रयान-3 लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है ISRO, भेजी सबसे खूबसूरत तस्वीर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन एक ओर जहां चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) का |ऑर्बिटर (Orbiter) चांद (Moon) की तस्वीरें लगातार भेज रहा है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद की अब तक की सबसे खूबसूरत तस्वीर भेजी है. इसरो ने चंद्रयान-2 के टेरेन मैपिंग कैमरे द्वारा क्रेटर के 3डी व्यू की तस्वीर जारी की है. बताया जाता है कि ये तस्वीर 100 किलोमीटर ऑर्बिट से ली गई है.
तस्वीर में देखा जा सकता है कि चांद पर काफी बड़ा गड्ढा है. यह गड्ढा लावा ट्यूब जैसा दिख रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक लावा ट्यूब से जीवन की संभावनाओं का पता चलता है. इस तरह के गड्ढों से चांद पर जीवन की संभावनाओं का पता चला है. चांद पर मौजूद गड्ढे वैज्ञानिकों के आगे के शोध के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं. चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम भले ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग न कर सका हो, लेकिन इसका ऑर्बिटर लगातर चांद की तस्वीरें भेज रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष शिवन पहले ही कह चुके हैं कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है.
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नवंबर 2020 में चंद्रयान-3 लॉन्च करेगा भारत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले साल नवबंर में चंद्रयान-3 को लॉन्च कर सकता है. इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 की तैयारी में जुटे हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो ने चंद्रयान-3 के लिए कई समितियों का भी गठन किया है. इस मिशन की खास बात ये होगी कि चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेजा जाएगा. इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि वह चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर का ही इस्तेमाल करेंगे. यह ऑर्बिटर अगले सात सालों तक काम करेगा.
#ISRO
Have a look of 3D view of a crater imaged by TMC-2 of #Chandrayaan2. TMC-2 provides images at 5m spatial resolution & stereo triplets (fore, nadir and aft views) for preparing DEM of the complete lunar surface.For more details visit https://t.co/urlZqzg3Gw pic.twitter.com/VBvUeH1L8s
— ISRO (@isro) November 13, 2019
इन बातों पर रखा जा रहा है विशेष ध्यान
इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 को लॉन्च करने से पहले कई बातों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. वैज्ञानिकों की कोशिश है कि इस बार लैंडर के पांव को पहले से ज्यादा मजबूत बनाया जाए, जिससे लैंडिंग के दौरान लैंडर को किसी भी तरह का नुकसान न हो. इसके लिए चंद्रयान-3 में कई तरह के बदलाव किए गए है, जिससे चंद्रयान-3 पृथ्वी और चांद के कम चक्कर लगाएगा.