जर्मन छात्र को CAA का विरोध करना पड़ा भारी, मिली ये बड़ी सजा

चेन्नई। आईआईटी मद्रास के एक जर्मनी के छात्र को ना‍गरिकता संशोधन कानून का विरोध करना भारी पड़ गया है। दरअसल इस छात्र को वापस जर्मनी जाने का आदेश दे दिया गया है। खबरों के मुताबिक, छात्र अपने देश लौट चुका है।

दरअसल आईआईटी मद्रास में भौतिकी में पोस्ट ग्रैजुएट कर रहे जर्मन छात्र जैकब लिंडेनथल सोमवार को एम्सटर्डम लौट गए। दरअसल नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते हुए प्रदर्शन में शामिल होने के चलते आव्रजन विभाग से उन्हें चेतावनी मिली थी।

जैकब ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं। इनमें वह हाथों में स्लोगन लिखीं तख्तियां लिए दिख दे रहे थे। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जैकब की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई थीं।

इस मामले में चेन्नई में आव्रजन आधिकारियों ने उन्हें बताया था कि इस तरह विरोध प्रदर्शन में शामिल होना वीजा नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस पर लिंडेनथल ने बताया कि मेरे वीजा के साथ कुछ प्रसाशनिक दिक्कतें थी। उन्हें सुलझाने के बाद आव्रजन अधिकारियों ने मेरे राजनीतिक विचारों को लेकर काफी सवाल पूछे। फिर मुझे इस बारे में (भारत छोड़कर वापस जाने) बताया गया।

उन्होंने बताया कि आव्रजन विभाग ने उन्हें आधी रात से पहले देश छोड़ने को कहा था। ऐसे नहीं करने पर उन्हें देश निकाला दे दिया जा सकता था।

लिंडेनथल ने कहा कि मैं शनिवार-रविवार को बेंगलुरू में था। मेरे कॉर्डिनेटर ने मुझे (सोमवार को) बताया कि मुझे आव्रजन विभाग जाना होगा। मैं वहां गया तो मुझे देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया। यह दोपहर दो बजे के करीब हुआ और मुझे तीन बजे तक आईआईटी मद्रास का कैंपस छोड़ना पड़ा। अब मैं अपने वकीलों से बात करके आगे के कदम पर फैसला लूंगा।

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