जर्जर मकान के दूसरी मंजिल की छत अचानक ढह जाने से, मलबे समेत गिरी वृद्धा की मौत…..

 अनवरगंज के कुलीबाजार स्थित जैन बिल्डिंग की दूसरी मंजिल की छत अचानक भरभराकर ढह गई, जिससे तीसरी मंजिल में रहने वाली 62 वर्षीय आशा तिवारी मलबे समेत ग्राउंड फ्लोर में आ गिरीं। हादसे के बाद अफरातफरी मच गई। सूचना पर अनवरगंज पुलिस और लाटूश रोड फायर स्टेशन से दमकल मौके पर पहुंची। आधे घंटे की मशक्कत के बाद दमकल जवानों ने मलबे से वृद्धा को निकाल कर उर्सला पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

आशा बिल्डिंग की तीसरी मंजिल में बेटे मानस, बेटी राधा व रक्षा के साथ रहती थीं। मकान के बीच में उनका किचन बना था। गिराऊ हालत में होने के चलते वह बेटे के साथ किचन को अपने कमरे में शिफ्ट करने जा रही थीं। किचन से सामान निकालने के लिए जैसे ही वह गईं, अचानक भरभराकर फर्श ढह गई। मलबे के साथ ही वह भी नीचे आ गिरीं। सूचना पर अनवरगंज थाना प्रभारी आरके पचौरी, लाटूश रोड फायर स्टेशन से एफएसओ सुरेंद्र चौबे जवानों के साथ घटनास्थल पहुंचे। आधे घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे में दबी आशा को निकाला गया।

तीसरी मंजिल पर दो और पहली मंजिल पर रहता एक परिवार

कुलीबाजार की जैन बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर आशा तिवारी के परिवार के अलावा संजय तिवारी भी मां शीला के साथ रहते हैं। मकान जर्जर होने के चलते उनकी पत्नी नीलम, बेटा और भाई प्रदीप बगल के मकान में रहते हैं। जर्जर मकान की दूसरी मंजिल खाली पड़ी है। पहली मंजिल में दीपक शर्मा पत्नी नीलम, मां दुर्गा देवी, बेटे उज्जवल और बेटी आरुषी के साथ रहते हैं। ग्राउंड फ्लोर में साकेत नगर निवासी संजय जैन का लोहे के तार का गोदाम है।

छह माह पूर्व अजीत शिफ्ट हो गए जयपुर

इसी बिल्डिंग में आशा तिवारी के कमरे के पीछे वाले हिस्से में अजीत जैन बेटी गोलू और बेटे पिंकू के साथ रहते थे। बेटी की शादी और पिंकू की जयपुर में नौकरी लगने के बाद छह माह पहले ही अजीत यहां से जयपुर शिफ्ट हो गए।

एहतियातन पुलिस ने खाली कराई बिल्डिंग

जर्जर मकान की छत ढहने के बाद पुलिस ने इस बिल्डिंग में रह रहे परिवारों को आस पास के घरों में शिफ्ट करा कर जर्जर बिल्डिंग खाली कराई।

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