जरांगे को डिहाइड्रेशन की समस्या; मराठा आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी में OBC कार्यकर्ता

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुंबई में अपनी भूख हड़ताल खत्म करने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उन्हें डिहाइड्रेशन और कम ब्लड शुगर के कारण आईवी फ्लूइड दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह हड़ताल तब खत्म की जब महाराष्ट्र सरकार ने योग्य मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग स्वीकार की। उधर, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है और ओबीसी समुदाय इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि उन्हें पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) और कम ब्लड शुगर की समस्या है, इसलिए उन्हें आईवी फ्लूइड (सुई के जरिए तरल आहार) दिए जा रहे हैं। जरांगे एक दिन पहले मुंबई के आजाद मैदान में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी
जरांगे ने 29 अगस्त को मुंबई में भूख हड़ताल शुरू की थी। यह हड़ताल पांचवें दिन खत्म हो गई, जब महाराष्ट्र सरकार ने उनकी अधिकांश मांगें मान लीं। इनमें योग्य मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग भी शामिल थी, जिससे वे ओबीसी आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
43 वर्षीय कार्यकर्ता ने मुंबई के आजाद मैदान में भाजपा के वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के हाथों फलों का रस स्वीकार किया और अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। बाद में एंबुलेंस से उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। जरांगे मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना जिले से हैं। उन्हें छत्रपति संभाजीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका पहले भी इलाज हुआ था।
डॉक्टरों ने पीटीआई को बताया कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें पानी की कमी है और उनका ब्लड शुगर थोड़ा कम है। इससे उनको कमजोरी हो रही है। हमने उन्हें आईवी फ्लूइड दिए हैं। रक्त परीक्षण के नतीजे थोड़े बेहतर हैं। उनकी किडनी भी ठीक हैं। उन्होंने कहा, हम उनकी कमजोरी को दवाओं से कम करेंगे और फिर उन्हें खाना मुंह से दिया जाएगा। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्होंने रात में रस लिया। शायद वे कल तक तरल आहार पर रहेंगे।
ओबीसी सड़क पर उतरेंगे: कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके
वहीं, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग स्वीकार करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरेगा।
हाके ने कहा कि राजनेताओं को बताना चाहिए कि क्या वे ओबीसी आरक्षण को कम करने के लिए तैयार हैं। हाके मराठाओं को ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने का खिलाफ लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी मनोज जारंगे की इस मांग के खिलाफ प्रदर्शन किए थे कि मराठाओं को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया जाए।