जयपुर: वर्धमान ग्रुप पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

जयपुर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की हालिया रेड में 9170 करोड़ करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी मिलने के बाद अब वर्धमान ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ग्रुप के खिलाफ लीज पर ली गई जमीन के जरिए 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। यह FIR श्री कुंदन लाल मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष दीप चंद वर्मा (75), निवासी वसंत कुंज, नई दिल्ली, की शिकायत पर शनिवार को जयपुर के मानसरोवर थाने में दर्ज कराई गई। मानसरोवर थाने के SI दिनेश चंद के अनुसार, वर्धमान न्यूजेन एजुकेशन एकेडमी और उसके निदेशक कमल सेठिया व विवेक सेठिया को नामजद किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फर्जी एग्रीमेंट की आड़ में जमीन और पैसा हड़पने का आरोप
शिकायत के अनुसार, सोसाइटी से सर्विस प्रोवाइडर एग्रीमेंट के तहत जमीन ली गई थी, लेकिन आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों और पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर 20 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़प ली। साथ ही सोसाइटी की करीब 1.10 लाख वर्गफीट जमीन पर अवैध निर्माण भी कराया गया। सोसाइटी को फरवरी 2000 में राजस्थान आवासन मंडल ने मानसरोवर सेक्टर-3 में 14,023 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की थी, जहां स्कूल-कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। अगस्त 2016 में शिक्षा के प्रबंधन के लिए एग्रीमेंट किया गया, जिसकी आड़ में कथित तौर पर घोटाला किया गया।

अवैध कॉमर्शियल गतिविधियों से करोड़ों की कमाई
आरोप है कि शर्तों के विपरीत सोसाइटी की जमीन पर वर्धमान स्पोर्ट्स एकेडमी और अवैध गेम जोन चलाए गए। बच्चों से फीस लेकर रसीदें नहीं दी गईं और रकम को दूसरी संस्थाओं में डायवर्ट किया गया। लीज डीड के अनुसार कॉमर्शियल गतिविधि की अनुमति नहीं होने के बावजूद अवैध रूप से मुनाफा कमाया गया।

फीस और खातों में हेराफेरी का आरोप
सोसाइटी का दावा है कि करीब 1800 बच्चों से ली गई फीस के हिसाब से सालाना 14–15 करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए थी, लेकिन बहीखातों में केवल करीब 10 करोड़ रुपये ही दिखाए गए। इससे हर साल 30–35 प्रतिशत तक की हेराफेरी सामने आई है। स्पोर्ट्स एकेडमी से भी 1–1.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का आरोप है।

लीज ट्रांसफर के लिए फर्जी दस्तावेज
आरोप है कि सोसाइटी की पूरी प्रॉपर्टी अपने नाम कराने के लिए फर्जी दस्तावेज राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में पेश किए गए। अगस्त 2023 में हाउसिंग बोर्ड से आए पत्र के बाद इस साजिश का खुलासा हुआ।

मनी लॉन्ड्रिंग और लग्जरी लाइफ का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि 2016 से 2025 के बीच 50–60 करोड़ रुपये की फीस वसूली गई, जिसमें से बड़ी रकम का हिसाब नहीं है। यह पैसा मनी लॉन्ड्रिंग कर वर्धमान बिल्डर में लगाया गया। आरोपियों पर सोसाइटी के पैसों से महंगी लग्जरी गाड़ियां चलाने और खर्च दिखाने के भी आरोप हैं। पुलिस के अनुसार, मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

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