जयपुर में एम्स की तर्ज पर बनेगा रिम्स, आज विधानसभा में पेश होगा विधेयक

राजस्थान सरकार जयपुर में एम्स की तर्ज पर रिम्स (राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) स्थापित करेगी। 40 एकड़ में बनने वाले इस संस्थान में सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं मिलेंगी और पात्र मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।

राजस्थान सरकार जयपुर में एम्स (AIIMS) की तर्ज पर सुपर स्पेशियलिटी संस्थान ‘रिम्स’ (राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) की स्थापना करने जा रही है। आज विधानसभा में इसके लिए ‘राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर विधेयक 2025’ प्रस्तुत किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस संस्थान की घोषणा वर्ष 2024-25 के बजट में की थी, जिसका मकसद एम्स की तर्ज पर राजस्थान में सुपर स्पेशलिटी सेवा शुरू करना है। इसके लिए जयपुर के आरयूएचएस के पास भूमि भी चिन्हित की जा चुकी है।

रिम्स की विशेषताएं:
स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि रिम्स, एम्स दिल्ली की तर्ज पर एक स्वायत्त और विश्वविद्यालय स्तर का संस्थान होगा, जो सुपर-स्पेशियलिटी नैदानिक सेवाएं, उन्नत चिकित्सा शिक्षा, और अनुसंधान उपलब्ध कराएगा। यह संस्थान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत डिग्री, डिप्लोमा और अन्य शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करेगा। करीब 40 एकड़ क्षेत्र में राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की स्थापना की जाएगी।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो, इसकी सुनिश्चिता की जा रही है। इसी दिशा में रिम्स अगले 2 साल में तैयार हो जाएगा। रिम्स में राजकीय योजनाओं में पात्र मरीजों को निःशुल्क उपचार मिलेगा। इससे अन्य राजकीय चिकित्सालयों का भी भार कम होगा। रिम्स एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करेगा।

यह होगा रिम्स में
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि रिम्स में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस एवं ट्रांसप्लांट यूनिट जैसे सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएँ होगी तथा – पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, जेरियाट्रिक मेडिसिन, रूमेटोलॉजी, रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी, जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, स्लीप मेडिसिन, क्रिटिकल केयर जैसी अनेक नई सब-स्पेशियलिटी विभागों की भी स्थापना की जाएगी। संस्थान में सुपर-स्पेशियलिटी और ब्रॉड स्पेशियलिटी के विकास, क्वाटरनरी-स्तर के रेफरल अस्पताल सेवाओं, आधुनिक चिकित्सा और संबद्ध विज्ञानों (आयुष प्रणालियों-आयुर्वेद और योग) में विशेष स्नातकोत्तर शिक्षण और राज्य के विशिष्ट स्वास्थ्य पहलुओं पर नवाचार अनुसंधान किया जायेगा। साथ ही यहाँ शिक्षकों के प्रशिक्षण और प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए उपचार प्रोटोकॉल में नवाचार में भी कदम उठाये जायेगे। रिम्स में सरकारी नीतियों और योजनाओं के पात्र मरीजों को मुफ्त उपचार मिलेगा जिससे अन्य राजकीय अस्पतालों पर मरीजों का भार कम होगा और उन्हें विश्व स्तरीय सुपर-स्पेशियलिटी सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध होगी।

मुख्य सचिव होंगे अध्यक्ष
राजस्थान के मुख्य सचिव इसके अध्यक्ष होंगे तथा प्रतिनियुक्ति पर निदेशक नियुक्त किए जायेंगे। साथ ही एक शासी निकाय का गठन किया जायेगा जिसमें एम्स नई दिल्ली, चंडीगढ़ के पीजीआई और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा। आरयूएचएस और स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, जयपुर को भी रिम्स में समाहित करना प्रस्तावित है।

विश्व स्तरीय सुविधाओं से होगा उपचार
रिम्स एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करेगा जिसकी एक समर्पित निधि होगी। राज्य सरकार द्वारा रिम्स के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का व्यय किया जाना प्रस्तावित है. अन्य खर्चों के लिए प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकेगा। रिम्स में मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज, ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों और फिजियोथेरेपिस्ट, फार्मासिस्ट जैसे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिससे चिकित्सक निजी प्रैक्टिस के स्थान पर संस्थागत उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करेगे।

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