जयपुर में आर्ट ऑफ लिविंग के मेगा यूथ का इवेंट उत्साह

आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित मेगा यूथ इवेंट ‘उत्साह’ ने शुक्रवार को जयपुर के एस.एम.एस. क्रिकेट स्टेडियम में जोश, उत्साह, ऊर्जा और आध्यात्मिक आनंद का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। शहर के प्रमुख शिक्षण संस्थानों से आए लाखों छात्रों की उपस्थिति में वैश्विक आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी श्री श्री रवि शंकर ने युवाओं को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने, नशे से दूर रहने और भावनात्मक रूप से संवेदनशील बनने का प्रेरक संदेश दिया।

स्टेडियम का माहौल संगीतकार रवीन्द्र उपाध्याय और रैपरिया बलम के ऊर्जावान गीतों से और भी जीवंत हो उठा। विशाल युवा सभा को संबोधित करते हुए रवि शंकर ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग का उद्देश्य है कि लोग हर दिन को उत्सव की तरह जिएं। उन्होंने युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि नशा स्वास्थ्य, धन और रिश्ते तीनों को बर्बाद कर देता है। उन्होंने छात्रों से संदेश में कहा, “अगर आपके मित्र नशे में फँसते हैं या आपको फसाना चाहते हैं, तो दृढ़ता से कहें, हम न करेंगे, न तुम्हें करने देंगे।”

उन्होंने भावनात्मक संवेदनशीलता को लेकर युवाओं से विशेष अपील की। रवि शंकर ने कहा कि यदि कोई छात्र उदास दिखे तो उसे अनदेखा न करें, बल्कि उससे बात करें और सहयोग का हाथ बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “इंसानियत अभी भी जीवित है, मित्रों को भरोसा दिलाइए कि आप उनके साथ हैं।”

कार्यक्रम में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा भी उपस्थित रहे। उन्होंने युवाओं से कहा कि स्वस्थ शरीर, प्रखर बुद्धि और संतुलित मन के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की तकनीकें अत्यंत उपयोगी हैं। वहीं राजस्थान यूथ बोर्ड के अध्यक्ष नीरज के. पवन ने कहा कि यहां से मिला प्रेरणादायी संदेश युवाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा और नशामुक्त समाज की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।

कार्यक्रम का एक विशेष आध्यात्मिक क्षण तब आया जब उपस्थित लोगों को प्राचीन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अत्यंत दुर्लभ अवशेषों के दर्शन करवाए गए। रवि शंकर ने बताया कि हजार वर्ष पूर्व घज़नी द्वारा तोड़े गए शिवलिंग के ग्यारह अवशेषों में से दो अवशेष यहां प्रदर्शित किए गए हैं। इससे पहले एमएनआईटी परिसर में इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) का शुभारंभ किया गया, जिसके तहत छात्रों को आर्ट ऑफ लिविंग का दो-क्रेडिट कोर्स पढ़ाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा को चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों और संतुलित जीवन दृष्टि से जोड़ना है।

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