जम्मू: पहलगाम हमले के 10 दिन बाद पटनीटॉप में कारोबार ठप; सैलानियों की रौनक गायब

पहलगाम हमले के 10 दिन बाद भी पटनीटॉप में सैलानियों की रौनक नहीं लौटी, जिससे पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। होटल, टैक्सी, फोटोग्राफी और अन्य सेवाओं से जुड़े कारोबारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
पहलगाम में आतंकी हमले के 10 दिन बाद भी जम्मू संभाग के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पटनीटॉप में सैलानियों की रौनक नहीं लौट पाई है। पटनीटॉप में सड़कें, पार्क और होटल वीरान पड़े हैं। सैलानियों के इंतजार में कारोबारी नजरें गड़ाए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पटनीटॉप में सैलानी अचानक हुए गायब
पटनीटॉप में अप्रैल मध्य में ही सीजन की शुरुआत हो जाती है। यहां देश के अलग-अलग हिस्सों से सैलानी पहुंचकर पटनीटॉप, नत्थाटॉप, सनासर और कुद जैसे पर्यटनस्थलों की वादियों का आनंद उठाते हैं। 10 दिन पहले तक सब ठीक था, लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद एकाएक सैलानी गायब ही हो गए, जिससे कारोबार पर भारी असर पड़ा है।
गर्मियों में पटनीटॉप रहता था सैलानियों से गुलजार, इस बार हालात उलट
पटनीटॉप के कारोबारी एसके वड़ियाल, राजेश ठाकुर की मानें तो पटनीटॉप में गर्मियों के सीजन की शुरुआत होते ही अप्रैल मध्य से अगस्त के शुरुआत तक पटनीटॉप में सैलानियों की रौनक नजर आती है, लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं। पार्क, सड़कें, होटल वीरान हैं। कारोबारियों ने बताया कि पटनीटॉप में छोटे-बड़े करीब 70 होटल हैं।
इनमें करीब 1200 से 1500 कमरे हैं, लेकिन अभी 20 से 30 कमरे भी बुक नहीं हो पा रहे हैं। होटल कर्मचारियों की बात करें तो एक होटल में 20 से 50 तक कर्मचारी हैं, जिनकी रोटी भी नहीं निकल पा रही है। कारोबार ठप होने से इनके वेतन की मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
पर्यटकों की कमी से फोटोग्राफर यूनियन बेहाल
फोटोग्राफर यूनियन के प्रधान सुभाष चंद्र ने कहा कि उनके करीब 25 फोटोग्राफर हैं, मगर पहलगाम हमले के बाद फोटोग्राफरों की बोहनी भी नहीं हो रही। टैक्सी यूनियन के प्रधान प्रकाश चंद ने कहा कि पर्यटकों के न आने से टैक्सी की किस्त जमा करने की भी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।