जम्मू-कश्मीर समेत अन्य सीमावर्ती शहरों में आज भी बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद बने हालात को देखते हुए एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों में सभी शिक्षण संस्थान बुधवार को बंद रहे।
जम्मू व कश्मीर के मंडलायुक्तों ने अलग-अलग आदेश जारी किए
जम्मू संभाग के पांच जिलों जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी व पुंछ और कश्मीर के तीन जिलों बारामुला, कुपवाड़ा व बांडीपोरा में सभी स्कूल, कालेज व अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहे। इस संबंध में जम्मू व कश्मीर के मंडलायुक्तों ने अलग-अलग आदेश जारी किए थे।
गुरुवार को भी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे
कश्मीर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर और जम्मू विश्वविद्यालय ने बुधवार की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। जम्मू विश्वविद्यालय कैंपस भी बंद रहा। इन जिलों में डिग्री कॉलेज व निजी संस्थान भी बंद रहे। मौजूदा हालात को देखते हुए गुरुवार को भी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
उधर, राजस्थान के अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित चार जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर एवं श्रीगंगानगर में सभी स्कूलों में अगले आदेश तक के लिए छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। पुलिस कर्मियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के अवकाश निरस्त करने के साथ ही मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है।
पंजाब में तीन दिनों के लिए छुट्टी
सीमा से लगते पंजाब के छह जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर और फाजिल्का में स्कूल-कालेजों में अगले तीन दिनों के लिए छुट्टी घोषित की गईं है। अटारी वाघा सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी दर्शकों के लिए रद कर दी गई है तथा करतारपुर कारिडोर श्रद्धाओं के लिए अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। एयर स्ट्राइक के बाद पंजाब में राजनीतिक दलों ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं।
उत्तराखंड में चारों धाम समेत प्रमुख तीर्थस्थलों पर कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था
उत्तराखंड में चारों धाम समेत प्रमुख तीर्थस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पुलिस के साथ एटीएस व आइटीबीपी के जवान तैनात हैं। हरिद्वार में चारधाम यात्रा पंजीकरण केंद्र, रेलवे स्टेशन, हरकी पैड़ी में सुरक्षा बढ़ाते पुलिस के साथ एसएसबी के जवान भी तैनात किए गए हैं।
सिलीगुड़ी कारिडोर समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भी बढ़ी सुरक्षासामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कारिडोर समेत पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस क्षेत्र को चिकन नेक के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में बांग्लादेश के एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान से युद्ध हो तो बांग्लादेश को भारत के चिकन नेक पर हमला कर पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा करना चाहिए।
सेना के अस्थायी कैंप बनाए जा रहे
सूत्रों के अनुसार, उत्तर बंगाल के 40 से अधिक संवेदनशील स्थानों पर सेना के अस्थायी कैंप बनाए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि यह कदम किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए उठाया गया है।