जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर: कठुआ और चिनैनी में बादल फटा

जम्मू-कश्मीर के कठुआ और चिनैनी में बादल फटने से भारी तबाही मची, जिसमें एक बच्ची की मौत और मालगाड़ी के पटरी से उतरने जैसी घटनाएं सामने आईं। मौसम विभाग ने 14 से 16 जुलाई तक जम्मू संभाग के पांच जिलों में फिर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

जम्मू-कश्मीर में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक भारी बारिश हुई। कठुआ में बादल फटने से 24 घंटे में 174.8 मिलीमीटर पानी बरसा। इससे कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। उधमपुर के चिनैनी के सराड़ पहाड़ी क्षेत्र में बादल फटने की सूचना है।

कठुआ में क्षतिग्रस्त रेल ट्रैक की मरम्मत करते कर्मचारी और चार घंटे देरी से गुजरती जम्मू से दिल्ली जा – फोटो : अमर उजाला
जम्मू-पठानकोट के बीच लखनपुर के पास मलवा ट्रैक पर आने से गुरुवार सुबह करीब 5 बजे मालगाड़ी पटरी से उतर गई। पुंछ जिले के मेंढर में भूस्खलन की चपेट में आने से एक बच्ची की मौत हो गई। त्रिकुटा पर्वत पर धुंध छाने से कटड़ा-सांझीछत हेलिकॉप्टर सेवा बाधित रही।

कठुआ जिले में भारी बारिश से तबाही का मंजर दिखाई दिया। लखनपुर-जगतपुर लिंक मार्ग वह गया है। वहीं, कठुआ स्पोर्ट्स स्टेडियम की दीवार ढह गई। भूस्खलन से बनी बसोहली मार्ग बंद हो गया है। पुंछ जिले के चक बनोला गांव में गुरुवार दोपहर 2 बजे भूस्खलन हुआ। लुढ़क कर आए पत्थर की चपेट में आकर मुख्तार अहमद की बेटी आसिया (11) की मौत हो गई। जिले में पिछले 4 दिनों में भूस्खलन का यह तीसरा मामला और दूसरी मौत है।

कठुआ में एक घंटे में 100 मिलीमीटर बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के निदेशक डॉ. मुख्तियार अहमद के अनुसार कठुआ में 9 जुलाई की रात 9:15 से 10:15 बजे के बीच 100 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज हुई। तकनीकी तौर एक घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर बारिश एक जगह होने को वादल फटना कहते हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 174.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। पिछले कई वर्षों की तुलना में एक दिन में हुई यह भारी बारिश है।

14 जुलाई से पांच जिलों में फिर भारी बारिश के आसार
जम्मू संभाग के पांच जिलों में 14 से 16 जुलाई के बीच फिर भारी से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने रियासी, उधमपुर, जम्मू, सांबा और कठुआ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में कुछ स्थानों पर 100 से 200 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। इससे बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा रहेगा। सांबा में 96, जम्मू में 39.3, गुलमर्ग में 34.6, श्रीनगर में 2.8 मिमी बारिश दर्ज हुई।

12 घंटे ट्रेनों का आवागमन रहा प्रभावित, वंदे भारत समेत एक दर्जन ट्रेनों पर असर
मालगाड़ी के बेपटरी होने से देर रात तक सिंगल ट्रैक से ट्रेनें गुजारी जाती रहीं। वीरवार शाम तक एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुईं, जबकि पठानकोट-उधमपुर के बीच चलने वाली डीएमयू दोनों तरफ से रद्द रही। जम्मू से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत चार घंटे की देरी से कठुआ स्टेशन से रवाना हुई। वाराणसी जाने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस व कानपुर सेंट्रल-जम्मू तवी 3 घंटे 26 मिनट की देरी से रवाना हुई।

अचानक आया मलबा ब्रेक लगाते ही इंजन और एक वैगन बेपटरी, ट्रैक को भी नुकसान
जम्मू- पठानकोट रेल खंड पर लखनपुर में पाटी नाले के पास अचानक मालगाड़ी के आगे मलबा आ गया। सूत्रों के अनुसार लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन तब तक इंजन और एक वैगन ट्रैक से उतर गया। ट्रैक को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

देर रात तक चलती रही ट्रैक की मरम्मत
इमरजेंसी ब्रेक लगने और पटरी पर मलबा आने से ट्रैक को काफी क्षति पहुंची है। मालगाड़ी को पटरी पर लाकर इसके वैगन को अलग-अलग दिशाओं में ले जाया गया। इसके बाद ट्रैक की मरम्मत की जा रही है। देर रात तक पटरी दुरुस्त हो जाने की उम्मीद है। जय ओंकार सिंह, कठुआ के रेलवे स्टेशन अधीक्षक

चिनैनी के गांव सराड़ में नदी-नालों में उफान पर
चिनैनी उपमंडल से करीब 40 किलोमीटर दूर गांव सराड़ में वीरवार देर शाम साढ़े आठ बजे बादल फट गया। नदी-नालों में जलस्तर एकदम से बढ़ गया। पानी का शोर सुनते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वे एक-दूसरे के साथ संपर्क करने लगे। एसडीएम डॉ. रणजीत सिंह कोतवाल ने कहा कि उन्हें भी ऐसी सूचना मिली है।

स्थानीय पूर्व सरपंच सुदेश चंद्र ने बताया कि वीरवार की रात को वह अपने घरों में थे कि अचानक नदी-नालों में पानी की आवाज इतनी गूंजने लगी कि सभी ग्रामीण इकट्ठे हो गए । उन्होंने बताया कि उन्होंने जब पता किया मौसम साफ होने के बाद भी इतना ज्यादा पानी कहां से आया है तो जानकारी मिली कि पास में ही कहीं पर बादल फटा है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से नदी-नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया उससे बादल फटने की ही आशंका ज्यादा है।ऊपरी क्षेत्र में लोगों से संपर्क किया जा रहा है लेकिन अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। कई लोगों से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है ।

वहीं एसडीएम डॉ रणजीत सिंह कोतवाल ने बताया कि उन्हें भी इस तरह की जानकारी मिली है जिसको लेकर उन्होंने तहसीलदार, नायब तहसीलदार को सूचित कर दिया है। तवी नदी तथा नालों से लोगों को दूर रहने की हिदायत देने को कहा गया है । बताते चलें कि सराड़ का सबा कोठ वहीं क्षेत्र है जहां पर कुछ दिन पहले भालुओं के हमले में आठ भैंसें मर गई थीं।

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