जम्मू कश्मीर : बीडीसी चुनाव में उतरे 1065 उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटियों में बंद…

केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनने जा रहे जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पहली बार हुए ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) मतदान अब संपन्न हो गए हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि सुबह नौ बजे से दोपहर एक तक जम्मू, कश्मीर व लद्दाख में चली मतदान प्रक्रिया किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच बड़ी संख्या में पंच-सरपंचों ने ब्लाक चेयरमैन चुनने के लिए मतदान केंद्रों में पहुंच अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

जिला कठुआ के कई मतदान केंद्रों में तो 12 बजे ही मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी थी। प्रशासनिक सूत्रों से अभी तक मिले मतदान के रूझान में यह परिणाम सामने आए हैं कि जम्मू संभाग में जहां 90 प्रतिशत तक मतदान हुए हैं, वहीं कश्मीर में मतदान प्रतिधत 50 प्रतिशत से अधिक रहे। कश्मीर के गांदरबल, बडगाम, पांपोर, शोपियां आदि इलाकों में भी काफी संख्या में पंच-सरपंचों ने आतंकवादियों-अलगाववादियों की धमकियों की परवाह किए बिना मतदान केंद्रों में पहुंच अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दोपहर एक बजे मतदान की प्रक्रिया को रोक दिया गया है। मतदान पेटियों को मतगणना केंद्र पहुंचाया जा रहा है। दोपहर तीन बजे वोट की गिनती शुरू हो जाएगी और चार बजे से परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कठुआ में कई जगह 12 बजे तक मतदान प्रक्रिया हो गई थी संपन्न
जिला के 18 ब्लाॅकों में जारी ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में चेयरमैन के पद के लिए सुबह 9 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया दो 12 बजे तक सुचारु चली। किसी भी मतदान केंंद्र में मतदान प्रक्रिया में बाधा नहीं आई। मतदान को लेकर उत्साह इतना रहा कि कई मतदान केंद्रों में 11 से 12 बजे तक ही मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। जिसमें कठुआ ब्लॉक में 12 बजे ही मतदान संपन्न हो गया था, जब कि मतदान का समय 1 बजे तक है।
जिला के सबसे ज्यादा संख्या वाले बरनोटी मतदान केंद्र पर ही सबकी नजरें लगी रही। जहां पर कुल 257 मतदाता है, लेकिन वहां भी 12 बजे तक 200 के करीब मतदाता अपने मत का प्रयोग कर चुके थे। सभी मतदान केंद्रों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे। मतदान केंद्रों में किसी को भी बिना पहचानपत्र के जाने की अनुमति नहीं थी। जिला चुनाव अधिकारी ओपी भगत ने सुचारु चुनाव की जानकारी लेने के लिए बरनोटी, कठुआ, नगरी सहित कई मतदान केंद्रों का दौरा भी किया। आम चुनाव से अलग इस चुनाव में आम मतदाता की जगह चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों ने ही भाग लेकर अपना मतदान किया।
राज्य में पहली बार हो रहे इस चुनाव में 283 ब्लॉकों के चेयरपर्सन चुने जाने हैं। हालांकि 27 निर्विरोध चुने जा चुके हैं। कुल मिलाकर काउंसिल में 310 प्रतिनिधि होंगे। सुबह नौ बजे शुरू हुई चुनावी प्रक्रिया में अपनी आहुतियां डालने के लिए पंच-सरपंच मतदान केंद्र पहुंचना शुरू हो गए हैं। जम्मू कश्मीर पंचायत राज अधिनियम 1989 के तहत हो रहे बीडीसी चुनाव में वैसे तो 1092 उम्मीदवार मैदान में थे परंतु उनमें से 27 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। आज 1065 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
जिन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होना है, उनमें जम्मू संभाग के डोडा में 74, किश्तवाड़ में 44, रामबन में 39, ऊधमपुर में 58, कठुआ में 72, सांबा में 36, जम्मू में 82, राजौरी में 76 और पुंछ में 61 उम्मीदवार शामिल हैं। कश्मीर में भाग्य आजमाने वालों में से कुपवाड़ा में 101, बारामुला में 90, बांडीपोर में 26, गांदरबल में 28, श्रीनगर में 5 ,बडगाम में 58, पुलवामा में 11, शोपियां में 4, कुलगाम में 18 और अनंतनाग में 55 उम्मीदवार शामिल हैं। लद्दाख संभाग के लेह में 36 व करगिल जिले में 38 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
जम्मू संभाग में सुबह से ही मतदान करने को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है। मतदान की यह प्रक्रिया दोपहर एक बजे तक चलेगी। 283 ब्लॉकों में होने वाले मतदान में 26629 पंच- सरपंच वोट डालेंगे। ये मतदाता 1065 पंच-सरपंचों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही ब्लॉकों में मतदान के लिए पोलिंग स्टाफ पहुंच गया था। सुबह नौ बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जम्मू संभाग के ग्रामीण इलाकों में बनाए गए मतदान केंद्रों में पहले आधा घंटे में तो पंच-सरपंचों की संख्या कम रही परंतु उसके बाद मतदान के लिए कतारें देखने को मिली। हर ब्लॉक में एक मतदान केंद्र बनाया है। ब्लॉक डेवलपमेंट कार्यालयों में बनाए मतदान केंद्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं।
मतदान में बैलेट बाक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में वोट डालने वालों में 8313 महिलाएं और 18316 पुरुष मतदाता हैं। सनद रहे कि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने पहले ही बीडीसी चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर रखी है। ऐसे में यह चुनावी मुकाबला अब भाजपा, पैंथर्स पार्टी और आजाद उम्मीदवारों के बीच रह गया है। चुनाव में निर्दलीय हावी हैं। 853 निर्दलीय उम्मीदवार हैं, जो 80 फीसद हैं। वहीं, 239 विभिन्न राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं। चुनाव में सिर्फ भाजपा व पैंथर्स पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं। 1065 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हैं।





