जम्मू-कश्मीर पर बड़े आतंकी हमले का खतरा, NSA डोभाल ने की अफसरों के साथ बैठक

जम्मू-कश्मीर पर बड़े आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने काउंटर टेररिस्ट ग्रिड की अहम बैठक की. सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी हमले का इनपुट है. इस इनपुट के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. यही वजह है कि कश्मीर घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई हैं.

शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी.

बता दें कि आतंकवादी 15 अगस्त या उसके आसपास आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. कई बार आतंकियों ने घाटी के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम देने का प्लान तैयार किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया. घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहती.

कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ जारी है जिसके खिलाफ सुरक्षा बल मुस्तैदी से डटे हुए हैं और कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. शनिवार को शोपियां में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया. मारे गए दो आतंकवादियों में से एक जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) का पाकिस्तानी आतंकवादी मुन्ना लाहौरी था. वह आईईडी बनाने में माहिर था.

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पुलिस की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, बोनबाजार क्षेत्र में मुठभेड़ में मारा गया दूसरा आतंकवादी जीनातुल इस्लाम कश्मीरी था. वह तुर्कवांगम गांव का था. मारे गए दोनों आतंकवादी संगठन जेईएम से जुड़े थे. मारा गया जैस आतंकवादी मुन्ना लाहौरी, 30 मार्च को बनिहाल में सुरक्षा बल के काफिले पर बमबारी करने और 17 जून को पुलवामा के अरिहाल में एक सेना के वाहन को विस्फोट से उड़ाने का जिम्मेदार था.

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